इंदौर। मां दुर्गा की आराधना का नौ दिनी उत्सव आज से शुरू हो गया है। शहर में गरबे के पांडाल सज गए हैं और आज से ही गरबे भी शुरू हो जाएंगे। इस बार गरबे के आयोजन को लेकर भाजपा नेता से लेकर हिन्दू संगठनों तक के कई तरह के बयान आ रहे हैं। कोई नेता कहता है कि गोमूत्र पिलाकर एंट्री कराई जाए तो कोई रोको, टोको फिर ठोको की बात कह रहा है। गरबे के कई आयोजकों ने शिकायत की है कि कोई भी उनके आयोजन स्थल पर हिंदू संगठन का कार्यकर्ता बनकर आ जाता है और धमकी देने लगता है। कई बार फोन पर भी धमकी दी जा रही है। ऐसी असमंजस की स्थिति में हमने विश्व हिन्दू परिषद और बजंरग दल में लंबे समय तक विभिन्न पदों पर रहे और वर्तमान में विशेष संपर्क विभाग से जुड़े राजेश बिंजवे से बातचीत कर मामले को समझने की कोशिश की है।
सवाल-इस बार गरबे के आयोजक ज्यादा परेशान हैं, आखिर क्या चाहता है बजरंग दल?
जवाब-हम किसी को परेशान नहीं कर रहे। बजरंग दल सिर्फ यह चाहता है कि गरबों की पवित्रता बनी रहे। इसी सिलसिले में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता गरबा आयोजकों को समझाइश दे रहे हैं।
सवाल-किस तरह का आयोजन चाहता है बजरंग दल, जिससे पवित्रता बनी रहे?
जवाब-बजरंग दल और विहिप यही चाहता है कि यह माता की आराधना का पर्व है और इसमें सिर्फ माता की आराधना ही हो। कोई अश्लील गाने नहीं बजे, सिर्फ भक्ति संगीत हो। कोई अश्लील कपड़े नहीं पहने जाएं। इसके साथ ही माता-बहनों की सुरक्षा के इंतजाम भी हों, ताकि वे गरबा करने के बाद सुरक्षित घर पहुंच जाएं। यह जिम्मेदारी तो आयोजकों को उठानी ही चाहिए।
सवाल-कई आयोजकों की शिकायत है कि हिंदू संगठनों के नाम पर फर्जी लोग भी धमकाने पहुंच रहे हैं।
जवाब-विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता ऐसा नहीं करते। हां, यह जरूर है कि आजकल बजरंग दल के नाम से जुड़े कई संगठन बन गए हैं, जिनसे हमारा कोई लेनदेना नहीं। ऐसे लोगों को गरबा आयोजनों की जिम्मेदारी भी नहीं सौंपी गई है। अगर ऐसे फर्जी लोग गरबा आयोजकों के पास पहुंच रहे हैं तो वे पुलिस में इसकी शिकायत करें। हम उनके साथ खड़े रहेंगे
सवाल-आपने एक आयोजन में रोको, टोको और ठोको की बात क्यों कही थी?
जवाब-हां, आजकल सबसे ज्यादा परेशानी गरबों में गैर हिंदुओं के प्रवेश को लेकर है। वे अपनी पहचान बदलकर आते हैं और हमारी बहन-बेटियों को परेशान करते हैं। इसी से लव जिहाद को भी बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे लोगों पर सख्ती करना जरूरी है जो हमारे धर्म को ही नहीं मानते। इसीलिए मैंने कहा था कि पहले रोको, फिर टोको और ना माने तो फिर ठोको। आयोजकों को भी इसका ध्यान रखना चाहिए कि गरबा पांडालों में किसी तरह की गंदगी नहीं फैले।
प्रश्न- तेजाजी नगर में एक गरबे की अनुमति निरस्त क्यों कराई गई?
जवाब-हम लोग विरोध करते हैं तो सवाल उठाए जाते हैं। पहले तो सिर्फ दूसरे धर्म के लोग गरबे में प्रवेश करते थे, अब तो आयोजन भी कराने लगे हैं। हमें जैसे ही तेजाजी नगर का ऐसा मामला पता चला, हमने पुलिस-प्रशासन में शिकायत कर इसकी अनुमति रुकवाई।
Leave Comments