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पार्षद कालरा के घर मारपीट मामले में पांच गिरफ्तार, जब वीडियो देख लोग चीख-चीख कर बताने लगे आरोपियों के नाम तब जागी पुलिस

पुलिस की लापरवाही पर उठ रहे सवाल, वीडियो से हो रही थी आरोपियों की पहचान

इंदौर। भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के घर हमला हुए करीब एक सप्ताह होने वाले हैं। इस घटना का वीडियो और ऑडियो देख जब पूरा शहर चीखने लगा तो पुलिस की नींद खुली। गुरुवार देर रात पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और 40 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

वह भी ऐसा तब हुआ जब पार्षद कालरा बार-बार कह रहे हैं कि महापौर परिषद के सदस्य जीतू यादव ने उनके घर हमला कराया है। पार्षद कालरा और जीतू यादव के बीच बातचीत के वीडियो से भी यह साफ जाहिर होता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और सीएम डॉ.मोहन यादव से शिकायत के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं होती तब सिंधी समाज को बाजार बंद करना पड़ता है। पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देना पड़ता है।

पिटने के लिए तैयार रहिए…

यह पहली बार नहीं कि जब इस तरह की घटनाओं में पुलिस का रवैया ढुलमुल रहता है। हाल ही में जब बजरंग दल वालों ने नगर निगम की टीम को पीट दिया था, तो निगम को एफआईआर दर्ज कराने में पसीने छूट गए थे। सुबह की मारपीट के बाद रात 9.30 बजे एफआईआर दर्ज हो पाई थी। इससे पहले जब डॉ.उमाशशि शर्मा महापौर थीं, तब सिटी इंजीनियर नरेंद्र सिंह तोमर को निगम परिसर में ही पीटा गया था और तब भी भारी मशक्कत के बाद एफआईआर दर्ज हो पाई थी। विडंबना यह कि जब नगर निगम, भाजपा पार्षद और निगम अधिकारियों के साथ ऐसा खुलेआम हो रहा है त ब आम जनता की हैसियत क्या है? ऐसी घटनाएं होती रहेंगी, पिटने के लिए तैयार रहिए।

जीतू यादव भी दिखा रहे दो नंबर की ताकत

इस घटना में खुलेआम आरोप झेल रहे महापौर परिषद के सदस्य भी दो नंबर की ताकत दिखाने में जुटे हैं। वे भी यादव समाज के लोगों के साथ मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। अब जबकि पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है वे भी आज दोपहर में कमिश्नर कार्यालय पर प्रदर्शन की तैयारी में है। जाहिर है भीड़ जुटेगी और शक्ति प्रदर्शन होगा।

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान

पुलिस ने बुधवार रात को हमले में शामिल पांच आरोपियों को पकड़ा है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की है। उनमें से कुछ यादव के क्षेत्र में लगे होर्डिंगों में भी नजर आए थे। पुलिस ने वीडियो में पिंटू शिंदे, धन्ना राय, बंटी ठाकुर, नवीन शर्मा और अक्षय दुबे की पहचान की है।

मीडिया ने तो नाम तक बता दिए

भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के घर में घुसकर नाबालिग बेटे के कपड़े उतारने और परिवार की महिलाओं से गुंडागर्दी करने वाले में जीतू यादव के ही लोग बताए जा रहे हैं। वीडियो में दिखने वाले कुछ दिन पूर्व जीतू के क्षेत्र में लगे होर्डिंग में नजर रहे हैं। मीडिया ने भी इनकी पहचान बताई, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।

पुलिस ने आरोपियों पर बढ़ाई धाराएं

पुलिस ने कालरा द्वारा प्रस्तुत वीडियो आदि के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कुछ धाराएं बढ़ाई हैं। पुलिस ने पाया है कि नाबालिग फरियादी के साथ किया गया यह कृत्य लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधि. 2012 की धारा 7/8 एवं 11(V)/12 की परिधि में ता है। साथ ही नाबालिग फरियादी के साथ की गई अश्लील हरकत को मोबाइल से बनाकर अन्य लोगों को वायरल करने पर धारा 67, 67, 67बी आई.टी.एक्ट भी बढ़ाई गई है।

सांसद की भूमिका पर उठ रहे सवाल

इस पूरे मामले में सांसद शंकर लालवानी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब तक वे पार्षद कालरा के पक्ष में खुलकर नहीं आए और न ही इस घटना पर कोई बयान जारी किया है। यहां तक कि भाजपा कार्यालय में होते हुए भी सिंधी समाज के लोगों के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात नहीं की। इसके बाद सिंधी समाज ने जब इस मामले के विरोध में बैठक बुलाई तो उसमें भी लालवानी गायब थे।

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