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कभी शिवराज को कोसने वाले दीपक जोशी…अब फिर भाजपा के गले पड़े

HBTV NEWS के न्यूज हेड हरीश फतेहचंदानी का कॉलम-सच कहता हूं

मध्यप्रदेश में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। चुनाव से पहले रूठे नेताओं को मनाना, दूसरी पार्टी के दिग्गज नेताओं को अपने पाले में शामिल करना समझ आता है। अब जबकि दूर-दूर तक न विधानसभा चुनाव हैं और न लोकसभा-ऐसे में एक उपचुनाव में पार्टी से गद्दारी कर चुके दीपक जोशी जैसे नेता की घर वापसी भाजपा के किसी भी जमीनी नेता और कार्यकर्ता को नहीं पच रही है। ताज्जुब तो तब हुआ जब बुधनी में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें गले लगाया। जैसे राम-भरत मिलाप हो रहा हो।

अब चर्चा यह है कि ऐसा करते वक्त क्या शिवराज यह भूल गए होंगे कि दीपक जोशी ने विधानसभा चुनाव में उन्हें किस तरह कोसा था। शायद ना शिवराज भूले होंगे और न स्वयं दीपक जोशी। सचमुच राजनीति का खेल निराला है। इसमें कोई किसी का सगा नहीं होता। जैसा मौका, वैसी चाल, वैसी बात। जब 2023 के चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने की गुंजाइश दिखी तो दीपक जोशी दौड़ लगाकर कांग्रेस में चले गए। तब रोए भी थे। कांग्रेस ने खातेगांव से टिकट भी दिया, लेकिन हार गए। तब से भाजपा में वापसी की जुगत भिड़ा रहे हैं।

यह वही दीपक जोशी हैं जिन्होंने कांग्रेस में जाने के बाद तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान पर जमकर हमले किए थे। लाडली बहना योजना सहित अन्य योजनाओं की धज्जियां उड़ाई थी। यहां तक कह दिया था कि हो सकता है कि आने वाले समय में शिवराज सिंह चौहान लोगों को मंगल ग्रह पर सैर कराने की घोषणा कर दें। उस समय जोशीजी इतने उत्साह में थे कि अटल बिहारी वाजपेयी तक को नहीं छोड़ा था। शायद जोशीजी भूल गए होंगे लेकिन जनता और भाजपा कार्यकर्ता नहीं भूले हैं-आप ही ने कहा था कि कमलनाथ से गुजारिश की है कि शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बुधनी से चुनाव लड़वा दीजिए।

आपकी वापसी की कहानी आठ महीने पहले भी लगभग पक गई थी, लेकिन उस समय अचानक बात बिगड़ गई, क्योंकि भाजपा के कई नेताओं ने विरोध कर दिया था। आज भाजपा में शामिल होते हुए शायद आप यह भी भूल गए होंगे कि 3 नवंबर को ही बुधनी में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में आपने सभा की थी। जोशीजी आप बहुत महान हैं, जो बीती बातों को इतनी जल्दी भूल जाते हैं, लेकिन भाजपा के कार्यकर्ता और कई नेता आपको भूल ही नहीं पा रहे।

भाजपा में तो आपकी योग्यता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कार्यकर्ता कह रहे हैं कि अगर आप से पिता और पूर्व सीएम कैलाश जोशी का नाम हटा दिया जाए, तो बचता क्या है? आपने जो कुछ भी किया है उस पर विचार कीजिए और कोशिश कीजिए की दोबारा ऐसी गलती न हो पाए।

बड़े नेता तो चुप रह जाएंगे, लेकिन जमीनी नेता व कार्यकर्ता आपको बर्दाश्त नहीं करेंगे…और घर में रहकर भी आप घर-घाट तलाशते रह जाएंगे…

 

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