-नितिन जैन, चीफ रिपोर्टर
इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पिछले लंबे समय से चल रहा डीन का विवाद अब थम गया है। आदेश जारी होते ही उन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया है। पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि वे सकारात्मकता के साथ बदलाव की कोशिश करेंगे। स्टूडेंट और पेशेंट की सुविधाओं को बढ़ाने पर उनका फोकस रहेगा।
डॉ. घनघोरिया ने एचीबीटी न्यूज को बताया कि उनकी कोशिश रहेगी कि स्टूंडेंट का स्तर बेहतर बनाया जाए। इसके साथ ही पेशेन्ट को कैसे खुश रखा जाए, इस दिशा में प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सब सकारात्मक एनर्जी की बात है। हम लोग अगर पॉजीटिव हो जाएं तो व्यवस्थाएं बदल सकती हैं। उन्होंने कहा कि सकारात्मकता के साथ वे नए बदलाव लाएंगे और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे।
ऑपरेशन थिएटर बढ़ाए जाएंगे
कॉलेज और हॉस्पिटल में चल रही गुटबाजी पर उन्होंने कहा कि यह मान स्वभाव है। यह सब चलता रहता है। पेशेंट हमारे लिए ईश्वर समान है। प्रेमभाव से काम करें। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैंगिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे रोकने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे खुद एक सर्जन हैं और परेशानियां समझते हैं। एमवाय अस्पताल में काफी संख्या में मरीज ऑपरेशन के लिए आते हैं। उनकी परेशानी को देखते हुए ऑपरेशन थिएटर की संख्या बढ़ाएंगे। कुछ बन रहे हैं, जिन्हें जल्द पूरा किया जाएगा।
डीन बनने के खेल में मारी बाजी
डॉ. संजय दीक्षित के रिटायर होने के बाद डीन पद को लेकर विवाद हुआ था। शासन ने एमवाय अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव को प्रभारी डीन बनाया था, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश पर डॉ. वीपी पाण्डे ने यह पद संभाल लिया। इसको लेकर दोनों के बीच टकराव हुआ। हाई कोर्ट के सख्त रुख अपनाने के बाद डॉ. पाण्डे ने पदभार लिया, लेकिन कुछ दिनों बाद वे छुट्टी पर चले गए। गुरुवार को शासन ने नया आदेश जारी कर डॉ. अरविंद घनघोरिया को एमजीएम मेडिकल कॉलेज का डीन नियुक्त किया। वे पहले नीमच में पदस्थ थे और अब उन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है। डॉ.घनघोरिया से सीनियर डॉक्टरों में अब खलबली मची है। इसलिए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यहां गुटबाजी और बढ़ेगी।
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