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विधायकों की शिकायत के बाद सीएम मोहन यादव के स्पष्ट निर्देश, कोई दूसरे की विधानसभा में दखल न दे

विधायकों ने सीएम से कहा था कुछ नेताओं के कारण नहीं सुन रहे अधिकारी

भोपाल। इंदौर की राजनीति में पिछले काफी समय से उथल-पुथल जारी है। नई सरकार बनने के बाद बड़े पद पाकर बैठे नेताओं ने यह सोच लिया कि पूरा इंदौर ही उनका है। इससे कई विधायक परेशान हो गए। उनका अपनी विधानसभा में काम कराना भी मुश्किल हो गया। अपने ही मंत्री और नेताओं से त्रस्त विधायक सीएम डॉ.मोहन यादव की शरण में भोपाल पहुंचे। सीएम ने विधायकों की समस्या सुनने के बाद अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिसकी विधानसभा है, वहां सिर्फ उसकी ही सुनी जाए।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले इंदौर के तीन विधायक मालिनी गौड़, मनोज पटेल और उषा ठाकुर सीएम से मिलने पहुंचे थे। इसमें विधायकों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अपने ही दल के मत्री और कुछ नेता उन्हें काम नहीं करने दे रहे। वे उनकी विधानसभा में भी दखल देने लगते हैं। इतना ही नहीं अधिकारियों पर अपने काम कराने का दबाव भी बनाते हैं। इन विधायकों ने कहा कि शहर में एकतरफा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। कुछ नेता चाहते हैं कि पूरे शहर में सिर्फ उनकी ही चले, इस कारण कामकाज में परेशानी आ रही है।

कुछ अधिकारियों की भी हुई शिकायत

सूत्र बताते हैं कि विधायकों ने कहा कि बड़े नेताओं के दबाव में आकर अधिकारी उनकी नहीं सुन रहे। कई बार उनकी विधानसभा के क्षेत्र के काम के लिए अधिकारियों को कोई दूसरे नेता फोन लगा देते हैं। विधायकों ने कुछ कुछ अधिकारियों का नाम लेकर कहा कि वे उनकी नहीं सुन रहे और न कोई काम कर रहे हैं।

सीएम ने विधायकों के सामने लगाए फोन

बताया जाता है कि विधायकों की परेशानी सुनने के बाद सीएम ने काफी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने विधायकों के सामने ही कुछ अधिकारियों को फोन लगाकर स्पष्ट निर्देश दिए कि जिसकी विधानसभा है, वहां सिर्फ वहीं के विधायक की सुनी जाए। सीएम ने यह भी कहा कि यह सभी विभागों व अधिकारियों के लिए उनके सख्त निर्देश हैं। सूत्र बताते हैं कि सीएम ने अधिकारियों से यहां तक कह डाला कि अगर कोई अनावश्यक हस्तक्षेप करता है तो तुरंत उन्हें सूचित करें।

 

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