इंदौर। गृह मंत्री से शिकायत के बाद शुरू हुई जांच में पता चला कि जिस तृष्णा गृह निर्माण संस्था की जमीन पर बेबीलोन इन्फ्रास्ट्रक्चर ने सी 21 बिजनेस पार्क खड़ा किया है, उसका रजिस्ट्रेशन 2018 में ही निरस्त हो चुका है। अब एक और नया खुलासा यह है कि इस जमीन का डायवर्शन बेबीलोन ने आवासीय के रूप में कराया है। ऐसे में विभागों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले की जांच तो शुरू हो गई है, लेकिन इसमें सहकारिता के साथ ही अन्य विभागों को भी एक्शन लेना होगा।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह से की गई शिकायत में ग्राम खजराना तहसील व जिला इन्दौर म.प्र. के पटवारी हल्का नं. 16 में स्थित सर्वे नं. 33 रकबा 2.75 एकड तथा सर्वे नं. 28/2 रकबा 1.84 एकड़ का जिक्र किया गया था। शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसके पार्टनर ने बाले-बाले उक्त भूमि तृष्णा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर को हस्तांतरित कर दी। तृष्णा गृह निर्माण सहकारी संस्था ने वह जमीन चुघ हाउसिंग एंड डेवलपर्स, मेसर्स बेबीलोन इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. हरियाणा और तीन अन्य लोगों को बेच दी, जिसका उसे कोई वैधानिक अधिकार नही था। अब इस पर सी-21 बिजनेस पार्क बन चुका है। शिकायत के बाद गृह विभाग भारत सरकार के अवसर सचिव मृत्युंजय त्रिपाठी ने मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव को पत्र भेजा। इसमें शिकायत की जांच करने को कहा गया। जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि तृष्णा संस्था का रजिस्ट्रेशन तो 2018 में ही निरस्त हो चुका है। अब आगे की जांच जारी है।
राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में आवासीय
हमारे पास राजस्व विभाग का रिकॉर्ड है। इसमें इन खसरों की जमीन का डायवर्शन आवासीय में बताया गया है और इसी हिसाब से शुल्क भी जमा कराई गई है। यह सारी जमीन बेबीलोन इनफ्रास्ट्रक्च प्रा.लिमिटेड प्लाट नं.124, सेक्टर 44, गुड़गांव, हरियाणा के नाम है और जमीन का मालिक आलोक पिता डीपी भंडारी को बताया गया है।
-28/2/4(s) 0.0940 हेक्टेयर
-28/2/5 (s) 0.0930 हेक्टेयर
-28/3/1 (S) 0.0930 हेक्टेयर
-28/3/2 (s) 0.0930 हेक्टेयर
-28/3/3 (s) 0.0930 हेक्टेयर
-28/3/4 (s) 0.0930 हेक्टेयर
-28/1/2 (s) 0.1290 हेक्टेयर
-28/2/2 (s) 0.0930 हेक्टेयर
-28/2/3 (s) 0/0930 हेक्टेयर
(इन सभी जमीनों का डायवर्शन आवासीय में हुआ है।)
ठीक से जांच हुई तो जमीन पर आ जाएगा ‘पार्क’
अगर इस मामले की ठीक तरह से जांच हुई तो पूरा बिजनेस पार्क ही जमीन पर आ जाएगा। एक तो जिस संस्था को अधिकार ही नहीं था उससे जमीन खरीद ली। वह भी ऐसी संस्था से जिसका पंजीयन 2018 में निरस्त हो चुका है। यह जमीन संस्था के सदस्यों की थी, जिसे गलत तरीके से बेबीलान इंफ्रास्ट्रक्चर ने खरीद लिया। इसके बाद शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए आवासीय जमीन पर व्यावसायिक इमारत खड़ी कर दी।
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