इंदौर। सावन का अंतिम शनिवार 17 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन शनि प्रदोष व्रत है और प्रीति योग, आयुष्मान योग, लक्ष्मी नारायण योग समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं। शनिवार को आने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष या शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। चूंकि भगवान शिव शनिदेव के गुरु हैं इसलिए शिव की पूजा करने वाले व्यक्ति पर शनिदेव कभी भी कुदृष्टि नहीं डालते। अगर राशि अनुसार उपाय किए जाएं तो जीवन की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं।
मेष-इस राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं इसलिए मेष राशि वाले शिवलिंग की पूजा करने के बाद महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। काले तिल, उड़द दाल, लोहा, काले कपड़े व जूते आदि दान करें।
वृषभ-इस राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। इसलिए शनि प्रदोष के दिन शिवलिंग का सफेद तिल और गंगाजल से अभिषेक करें। फिर शनिदेव को भी काले तिल अर्पित करें। अगर आप मछलियों को दाना डालते हैं तो इससे भी काफी लाभ होगा।
मिथुन-इस राशि के स्वामी बुध हैं। इसलिए मिथुन राशि वाले शनि प्रदोष पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के बाद शनिदेव का पूजन भी करें। चावल या बादाम बहते हुए पानी में प्रवाहित करें तो जीवन में कई फायदे होंगे।
कर्क-इस राशि के स्वामी चंद्र देव हैं। सुबह एक कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें एक सिक्का डालें और फिर उसमें अपना चेहरा देखें। इसके बाद कटोरी में तेल को शनि मंदिर में दान कर दें। इससे आपको काफी लाभ होगा।
सिंह-इस राशि के स्वामी सूर्य देव हैं। इसलिए शनि प्रदोष को भगवान शिव और शनिदेव का पूजन करें। शाम को काले कुत्ते को सरसों के तेल से चुपड़ी मीठी रोटी खिला दें, इससे आपकी काफी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
कन्या-इस राशि के स्वामी बुध हैं। आप भगवान शिव की पूजा करने के बाद शिव चालीसा और शिव पंचाक्षर मंत्र का जप करें। इसके बाद शनिदेव की पूजन करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
तुला-इस राशि के स्वामी शुक्र हैं। प्रदोष के दिन शिवलिंग पर 108 बेलपत्र और पीपल के पत्ते अर्पित करें। अगर आप बेल के पेड़ के नीचे जल में दूध मिलाकर स्नान करते हैं तो काफी लाभ होगा।
वृश्चिक-इस राशि के स्वामी मंगल हैं। आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के बाद शनिदेव का पूजन भी करें। साथ ही अंधे, दिव्यांग, सेवकों और सफाई कर्मियों आदि को भोजन दान करें। उनसे अच्छा व्यवहार रखे। यह उपाय शनि की ढैय्या का प्रभाव कम करेगा।
धनु-आपकी राशि के स्वामी गुरु हैं। शनि प्रदोष के दिन जल और दूध पीपल की जड़ में अर्पित करें। वहां 5 मिठाइयों को रख दें। इसके बाद पितरों का ध्यान करते हुए पीपल की 11 बार परिक्रमा करें।
मकर-इस राशि के स्वामी शनिदेव हैं। इसलिए मकर राशि वाले शनि प्रदोष व्रत के दिन पीपल की पूजा करें और 11 बार परिक्रमा करें। काली बाती लेकर एक दीप बनाएं और उसमें उड़द दाल और कुछ काले तिल के दाने डालकर पीपल के नीचे जलाएं।
कुंभ- आपकी राशि के स्वामी भी शनिदेव हैं इसलिए कुंभ राशि वाले शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव और शनिदेव का पूजन करें। साथ ही शिवलिंग के सामने बैठकर 11 बार शनि स्त्रोत का पाठ अवश्य करें।
मीन-इस राशि के स्वामी गुरु ग्रह हैं। इस राशि में राहु भी विराजमान हैं प्रदोष व्रत के दिन काला और सफेद दो रंग का कुत्ता मिल जाए तो उसको सरसों का तेल लगाकर रोटी खिलाएं। इस दिन कुष्ठ रोगी को अन्न का दान करना फायदेमंद रहेगा। इसके साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करें।
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