मुख्य चुनाव आयुक्त ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव न करवाने की दो वजहें बताईं.
उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में बना था. इसमें 107 विधानसभा सीटों का प्रावधान था जिनमें से 47 सीटें पीओके के लिए थीं. लेकिन फिर 2022 में पुनर्सीमांकन किया गया तो राज्य की सीटें 107 से 114 हो गईं. फिर इसमें आरक्षण का भी प्रावधान था. फिर दिसंबर में इस आधार पर जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया गया. लेकिन तब तक हम लोकसभा चुनावों की तैयारी में लग गए थे.
जब हम कश्मीर में लोगों से मिलने गए तो वहां राजनीतिक दलों का कहना था कि लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करवा दीजिए. लेकिन वहां प्रशासन का कहना था कि ऐसा करना संभव नहीं होगा. क्योंकि 1000 के क़रीब उम्मीदवार होंगे और हर उम्मीदवार को कम से कम दो सेक्शन फ़ोर्स सुरक्षा के लिए देनी पड़ती है.
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