इंदौर। आज इंदौर में यूरेशियन ग्रुप की बैठक शुरू हो रही है। यह हमारा सौभाग्य है कि भारत में बैठक पूरे विश्व के लिए मनी लॉड्रिंग, टेरर फंडिंग और साइबर क्राइम से निपटने के लिए रणनीति तैयार हो रही है। इसका काफी श्रेय केंद्रीय वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के प्रभारी निदेशक विवेक अग्रवाल को जाता है। अग्रवाल के कार्यकाल में ही एफएटीएफ ने मनी लॉड्रिंग और टेरर फंडिंग से निपटने में पूरे विश्व में भारत को श्रेष्ठ माना है।
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग के रूप में पहचाने जाने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने भारत को धनशोधन रोधी और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के मामले में विश्व में श्रेष्ठ माना है। एफएटीएफ ने सिंगापुर में हुई बैठक में कहा था कि इन दोनों क्षेत्रों में भारत की कानूनी व्यवस्था अच्छे परिणाम प्राप्त कर रही है। इस बैठक में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व केंद्रीय वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के प्रभारी निदेशक विवेक अग्रवाल ही कर रहे थे।
एफएटीएफ ने अपने इवैल्यूएशन में नियमों का अनुपालन करने के लिए भारत की काफी सराहना की थी। भारत 2010 में एफएटीएफ का सदस्य बना था। एफएटीएफ ने कहा है कि भारत ने अपने मानकों के साथ उच्च स्तर का तकनीकी अनुपालन हासिल किया है। देश ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित जोखिमों को समझने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग में संलग्न होने, अपराधियों को उनकी संपत्ति से वंचित करने और प्रसार वित्तपोषण उपायों को लागू करने में अच्छे परिणाम दिखाए हैं। उल्लेखनीय है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए देश के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एफएटीएफ ने भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और संगठित अपराध से प्राप्त आय को वैध बनाने सहित मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से होने वाले रिस्क को कम करने के लिए भारत के प्रयासों को मान्यता दी है।
कैश लेनदेन के कड़े नियमों का फायदा
भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के जोखिमों को कम करने के लिए कैश की जगह डिजिटल इकोनॉमी ट्रांजिशन को प्रभावी रूप से लागू किया है। इतना ही नहीं भारत ने कैश लेनदेन पर कड़े नियमों के साथ-साथ जन धन, आधार, मोबाइल ट्रिनिटी को लागू किया है, जिससे वित्तीय समावेशन और डिजिटल लेनदेन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे लेनदेन का पता लगाना आसान हो गया है और मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का रिस्क कम हो गया है।
क्या है म्यूचुअल इवैल्यूएशन
म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट किसी देश की एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण प्रणाली का गहन विवरण और विश्लेषण करती है। साथ ही इसमें प्रणाली को और मजबूत करने के लिए सिफारिशें भी की जाती है। म्यूचुअल इवैल्यूएशन के दौरान मूल्यांकन किए गए देश को यह प्रदर्शित करना होता है कि उसके पास फाइनेंशियल सिस्टम को दुरुपयोग से बचाने के लिए एक प्रभावी ढांचा है।
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