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भारत में UN सम्मेलन: शांति स्थापना में महिलाओं की भूमिका पर जोर

संयुक्त राष्ट्र शांति सेना प्रमुख जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने भारत में आयोजित "शांति स्थापना में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना: एक वैश्विक दक्षिण अनुभव" सम्मेलन को लेकर अपनी बात कही ।

भारत में UN सम्मेलन: शांति स्थापना में महिलाओं की भूमिका पर जोर

संयुक्त राष्ट्र शांति सेना प्रमुख जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने भारत में आयोजित "शांति स्थापना में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना: एक वैश्विक दक्षिण अनुभव" सम्मेलन को लेकर अपनी बात कही ।, सम्मलेन में में महिला शांति सैनिकों की भूमिका और प्रभाव पर चर्चा की जाएगी।

भारत बना UN शांति स्थापना का आधार

लैक्रोइक्स ने भारत की शांति स्थापना में अहम भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि,भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना का आधार बना हुआ है, और भारतीय महिला शांति सैनिक शांति स्थापना को नए तरीके से परिभाषित कर रही हैं। उन्होंने जोर दिया कि महिला शांति सैनिकों की अधिक भागीदारी मिशन की सफलता को बढ़ाती है और स्थायी शांति में मदद करती है।

महिला शांति सैनिकों की बढ़ती भूमिका

भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली बार महिला-संचालित पुलिस इकाई भेजी थी।
वर्तमान में, भारत के 5,384 शांति सैनिकों में 153 महिलाएं शामिल हैं, जो मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

महिलाओं की भागीदारी क्यों जरूरी?

लैक्रोइक्स ने कहा कि महिला शांति सैनिकों की मौजूदगी से मिशनों की सफलता में बढ़ोतरी होती है।

  • स्थानीय महिलाओं के साथ मजबूत संबंध बनाने में मदद मिलती है।

  • सामुदायिक विश्वास और सुरक्षा में वृद्धि होती है।

  • समानता के साथ-साथ शांति मिशनों की प्रभावशीलता भी बढ़ती है।

उन्होंने अबेई मिशन का उदाहरण देते हुए बताया कि भारतीय महिला शांति सैनिकों ने वहां सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सम्मेलन का उद्देश्य

  • महिला शांति सैनिकों के बीच सहयोग और पेशेवर विकास को बढ़ावा देना

  • शांति अभियानों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।

  • शांति सैनिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना।

लैक्रोइक्स ने जोर देते हुए कहा,हमें शांति अभियानों में अधिक महिला अधिकारियों की जरूरत है, क्योंकि उनकी भागीदारी सिर्फ समानता के लिए नहीं, बल्कि मिशन की सफलता के लिए भी आवश्यक है।

भारत हमेशा से शांति स्थापना, महिलाओं की भागीदारी और वैश्विक सुरक्षा में अग्रणी रहा है, और यह सम्मेलन इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

 

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