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एक केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा-किसी को मियां-तियां या पाकिस्तानी कहने पर केस नहीं चला सकते

झारखंड के एक उर्दू ट्रांसलेटर और क्लर्क ने दर्ज कराई थी बोकारो में एफआईआर

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान कहा कि किसी को मियां-तियां और पाकिस्तानी कहने पर केस नहीं चला सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि  इसमें कोई संदेह नहीं कि ऐसा कह कर किसी को अपमानित करना असभ्यता है, लेकिन यह धारा 298 की श्रेणी में नहीं आएगा।

बोकारो सेक्टर 4 थाने में दर्ज यह एफआईआर चास के सब डिविजनल ऑफिस में उर्दू ट्रांसलेटर और क्लर्क के पद पर काम कर रहे कर्मचारी ने दर्ज करवाई थी। कर्मचारी ने कहा था कि वह एडिशनल कलेक्टर के आदेश पर आरटीआई आवेदन का जवाब व्यक्तिगत रूप से पहुंचाने गया था। आरोपी ने बहुत बहस करने के बाद दस्तावेज स्वीकार किए। उस दौरान उसने धर्म आधारित टिप्पणी कर उसे अपमानित किया और भड़काने की कोशिश की। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 353, 504 और 298  की धाराएं लगाई थीं। लगभग 80 साल की उम्र वाले आरोपी को बोकारो की निचली अदालत से लेकर झारखंड हाई कोर्ट तक राहत नहीं मिली।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा क इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी को मियां-तियां या पाकिस्तानी कह कर अपमानित करना असभ्यता है, लेकिन यह धारा 298 (धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने की नीयत से कुछ कहना) की श्रेणी में नहीं आएगा।

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