Home / भारत

डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर: आरबीआई की नीतियों और वैश्विक व्यापार संकट का असर

भारतीय मुद्रा में गिरावट जारी  वर्ष 2025 के पहले दो महीनों में रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1.8% तक की गिरावट दर्ज की

डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर: आरबीआई की नीतियों और वैश्विक व्यापार संकट का असर

भारतीय मुद्रा में गिरावट जारी  वर्ष 2025 के पहले दो महीनों में रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1.8% तक की गिरावट दर्ज की, जो 2024 की 3% कमजोरी का लगभग आधा है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरावट 2023 में दर्ज 1.5% गिरावट से भी अधिक है।

 

- आरबीआई की नीतियों का प्रभाव
- आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में मुद्रा प्रबंधन की नई नीति लागू की गई।
- केंद्रीय बैंक ने रुपये को अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं के साथ स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने की अनुमति दी।
- पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास की स्थिर मुद्रा नीति के उलट, अब अधिक लचीलापन अपनाया गया है।

 वैश्विक दबाव और व्यापार युद्ध की चिंताएं
अमेरिकी व्यापार नीतियों में बदलाव और व्यापार युद्ध के बढ़ते जोखिम ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
वैश्विक व्यापार व्यवधानों के कारण रुपया अन्य एशियाई मुद्राओं के साथ दबाव में आ गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई व्यापार नीतियों ने बाज़ार को अस्थिर किया, जिसमें कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25% शुल्क लगाना शामिल है।

रुपये की ऐतिहासिक गिरावट!
3 फरवरी 2025 को रुपया 87.00 के स्तर को पार कर गया, जो मुद्रा बाज़ार के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। क्या रुपये की यह कमजोरी आगे भी जारी रहेगी? 

 

You can share this post!

हरियाणा के फरीदाबाद में सुबह-सुबह महसूस हुए भूकंप के झटके, पिछले कुछ दिनों से देश के विभिन्न स्थानों पर लगातार कांप रही धरती

महिलाओं के लिए सुरक्षित डिजिटल माहौल जरूरी: कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल

Leave Comments