पीएम केयर फंड: स्वैच्छिक योगदान में गिरावट
पीएम केयर्स फंड, जिसे कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 में स्थापित किया गया था, ने 2022-23 के वित्तीय वर्ष में अपने इतिहास का सबसे कम स्वैच्छिक योगदान दर्ज किया
- Published On :
29-Dec-2024
(Updated On : 29-Dec-2024 10:54 am )
पीएम केयर फंड: स्वैच्छिक योगदान में गिरावट
प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपातकालीन राहत (पीएम केयर्स) फंड, जिसे कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 में स्थापित किया गया था, ने 2022-23 के वित्तीय वर्ष में अपने इतिहास का सबसे कम स्वैच्छिक योगदान दर्ज किया। यह योगदान घटकर 912 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम है।

स्वैच्छिक योगदान में गिरावट:
- 2020-21: महामारी के चरम पर, फंड में 7,184 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक योगदान प्राप्त हुआ।
- 2021-22: योगदान घटकर 1,938 करोड़ रुपये रह गया।
- 2022-23: यह और कम होकर 912 करोड़ रुपये हो गया।
विदेशी योगदान में भी कमी दर्ज की गई:
- 2020-21 में 495 करोड़ रुपये।
- 2021-22 में 40 करोड़ रुपये।
- 2022-23 में मात्र 2.57 करोड़ रुपये।
खर्च का विवरण:
2022-23 में फंड से कुल 439 करोड़ रुपये खर्च किए गए:
- पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन: 346 करोड़ रुपये, उन बच्चों की सहायता के लिए जो कोविड महामारी में अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो चुके हैं।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर: 92 करोड़ रुपये।
पिछले वर्षों में प्रमुख खर्च:
- 2021-22: 1,703 करोड़ रुपये ऑक्सीजन प्लांट्स और 835 करोड़ रुपये वेंटिलेटर्स पर खर्च हुए।
फंड का उद्देश्य:
पीएम केयर्स फंड का गठन कोविड जैसी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए किया गया था। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक योगदान पर आधारित है और सरकारी बजट से इसका कोई संबंध नहीं है।
फंड का उपयोग:
- ऑक्सीजन प्लांट्स और वेंटिलेटर्स की खरीद,
- अस्पतालों के संसाधन सुधारने,
- और आपातकालीन देखभाल के लिए किया गया है।
2022-23 के अंत तक फंड का समापन बैलेंस 6,283 करोड़ रुपये से अधिक था।
Next article
साल के आखिरी मन की बात में बोले पीएम मोदी-समय की हर कसौटी पर खरा उतरा हमारा संविधान
Leave Comments