नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने एक देश, एक चुनाव बिल को मंजूरी दे दी है। अब एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का रास्ता खुल जाएगा। सरकार इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश करने की तैयारी में है। राम नाथ कोविंद समिति द्वारा बनाई गई रिपोर्ट को कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी थी।
उल्लेखनीय है कि एक देश, एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी। इस कमेटी की रिपोर्ट को 18 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक देश एक चुनाव के अपने विचार को आगे बढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए। 2024 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी प्रधानमंत्री ने इस पर विचार रखा। तब से अब तक कई मौकों पर भाजपा की ओर एक देश एक चुनाव की बात की जाती रही है। ये विचार इस पर आधारित है कि देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों। अभी लोकसभा यानी आम चुनाव और विधानसभा चुनाव पांच साल के अंतराल में होते हैं। कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम जैसे राज्य शामिल हैं। वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम जैसे राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हुए तो लोकसभा चुनाव खत्म होने के छह महीने के भीतर हरियाणा, जम्मू कश्मीर में चुनाव हुए। इसके बाद महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव कराए गए। अब दिल्ली में चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है।
कोविंद समिति की रिपोर्ट में सिफारिश
रामनाथ कोविंद समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक साथ चुनाव की सिफारिशें को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। दूसरे चरण में आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय
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