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जी-20 मंच पर भारत-चीन संबंधों में संवाद की नई राह: जयशंकर ने दी अहम जानकारी

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जी-20 जैसे वैश्विक मंचों ने भारत और चीन को कठिन समय में भी संवाद करने के अवसर प्रदान किए हैं।

जी-20 मंच पर भारत-चीन संबंधों में संवाद की नई राह: जयशंकर ने दी अहम जानकारी

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जी-20 जैसे वैश्विक मंचों ने भारत और चीन को कठिन समय में भी संवाद करने के अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने जोर दिया कि दोनों देशों ने ध्रुवीकृत वैश्विक स्थिति के बीच जी-20 की अखंडता बनाए रखने में संयुक्त प्रयास किए हैं।

जयशंकर जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में  थे ।  बैठक में उन्होंने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और दोनों देशों के संबंधों पर विचार-विमर्श किया।

भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछले साल रूस के कजान में हुई बैठक के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की प्रक्रिया शुरू हुई है।

उन्होंने बताया कि सीमा मुद्दों पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक में आपसी मतभेदों को सुलझाने पर सहमति बनी है। साथ ही, दोनों देशों के लोग आपसी विश्वास बहाल करने और संबंधों को स्थिर करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।

जी-20 में भारत-चीन की महत्वपूर्ण भूमिका

जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन जी-20, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और ब्रिक्स के सदस्य हैं। इन मंचों पर दोनों देशों की सक्रिय भागीदारी वैश्विक आर्थिक सहयोग और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने यह भी जिक्र किया कि भारत और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश सचिवों ने आपसी संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया गया।

सीमा विवाद पर कूटनीतिक प्रयास जारी

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वांग यी भारत-चीन सीमा तंत्र के विशेष प्रतिनिधि हैं। दोनों ने पिछले साल दिसंबर में मुलाकात की थी और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने पर सहमति जताई थी।

जयशंकर ने कहा, "मुझे खुशी है कि हमारे संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। बातचीत और कूटनीति के जरिए हम आगे बढ़ सकते हैं।"

भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार और संवाद को मजबूत करने की दिशा में जी-20 जैसे मंच अहम भूमिका निभा रहे हैं। दोनों देशों ने सीमा विवाद को कूटनीतिक तरीकों से सुलझाने के प्रयास तेज कर दिए हैं और बहुपक्षीय सहयोग के जरिए वैश्विक स्थिरता को बनाए रखने का संकल्प दोहराया है।

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