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मिजोरम-म्यांमार सीमा पर नए दिशा-निर्देश: 10 किलोमीटर के दायरे में बॉर्डर पास अनिवार्य

भारत और म्यांमार के बीच सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था (Free Movement Regime - FMR) में बदलाव किया गया है।

मिजोरम-म्यांमार सीमा पर नए दिशा-निर्देश: 10 किलोमीटर के दायरे में बॉर्डर पास अनिवार्य

भारत और म्यांमार के बीच सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था (Free Movement Regime - FMR) में बदलाव किया गया है। अब सीमा के दोनों ओर 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले नागरिकों को सीमा पार करने के लिए बॉर्डर पास की आवश्यकता होगी। यह कदम अवैध घुसपैठ और तस्करी रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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मुख्य बिंदु:

1. बॉर्डर पास की व्यवस्था:

  • वैधता: बॉर्डर पास सात दिनों के लिए वैध होगा।

  • आवेदन प्रक्रिया: पास प्राप्त करने के लिए यह प्रमाण देना होगा कि आवेदक सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहता है।

  • जारीकर्ता: असम राइफल्स सीमा पर बॉर्डर पास जारी करेगी।

2. दिशा-निर्देश:

  • समय सीमा: क्रॉसिंग पॉइंट सोमवार से शनिवार सुबह 6 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक खुले रहेंगे।

  • पहचान पत्र: पहचान प्रमाण पत्र स्थानीय पुलिस स्टेशन, गांव के मुखिया, या अन्य अधिकृत अधिकारी द्वारा जारी किया जा सकता है।

  • बॉर्डर पास वापसी: इसे उसी क्रॉसिंग पॉइंट पर वापस जमा करना होगा, जहां से यह जारी किया गया था।

3. परिवार के लिए प्रावधान:

  • माता-पिता और बच्चे: एक बॉर्डर पास में माता-पिता में से किसी एक के साथ तीन बच्चों को ले जाने की अनुमति होगी। तीन से अधिक बच्चों के लिए अतिरिक्त पास की आवश्यकता होगी।

4. स्वास्थ्य और सुरक्षा जांच:

  • असम राइफल्स दस्तावेजों का निरीक्षण करेगी।

  • राज्य पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सुरक्षा और स्वास्थ्य जांच करेंगे।

  • बायोमेट्रिक रिकॉर्ड: बॉर्डर पास जारी करने से पहले आवेदक के बायोमेट्रिक्स और तस्वीर दर्ज की जाएगी।

5. भारत-म्यांमार सीमा पोर्टल:

  • सभी आवेदनों और फॉर्म को इस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

  • बॉर्डर पास पर आवेदक की तस्वीर और क्यूआर कोड रहेगा।

 

पृष्ठभूमि:

भारत-म्यांमार सीमा 1,600 किलोमीटर लंबी है और यह मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड, और अरुणाचल प्रदेश राज्यों से गुजरती है। सीमा के दोनों ओर जनजातीय समुदाय रहते हैं जिनके बीच गहरे सांस्कृतिक और पारिवारिक संबंध हैं।

नए प्रोटोकॉल की आवश्यकता:

  • अवैध गतिविधियां: सीमा के जरिए घुसपैठ और तस्करी की घटनाओं में वृद्धि।

  • मणिपुर हिंसा: सुरक्षा चिंताओं के चलते मिजोरम-म्यांमार सीमा पर निगरानी कड़ी की गई।

  • मुक्त आवाजाही सीमा घटाई गई: पहले यह सीमा 16 किलोमीटर थी, जिसे अब घटाकर 10 किलोमीटर कर दिया गया है।

सरकार का यह कदम सीमा क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आपसी सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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