Home / भारत

पाकिस्तानी नौसेना की बढ़ती ताकत पर नेवी चीफ की चिंता: कहा, जनता की भलाई छोड़ हथियारों को दी प्राथमिकता

भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी के बयान ने भारतीय सुरक्षा दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन पर जोर दिया है

पाकिस्तानी नौसेना की बढ़ती ताकत पर नेवी चीफ की चिंता: कहा, जनता की भलाई छोड़ हथियारों को दी प्राथमिकता

भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी के बयान ने भारतीय सुरक्षा दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन पर जोर दिया है। उन्होंने पाकिस्तान की नौसेना के तेजी से बढ़ते सैन्य विकास पर चिंता जताई है, खासकर तब जब पाकिस्तान आर्थिक संकटों से जूझ रहा है। एडमिरल त्रिपाठी ने इस बात को रेखांकित किया कि पाकिस्तान ने अपने नागरिकों के कल्याण के बजाय सैन्य ताकत बढ़ाने को प्राथमिकता दी है।

पाकिस्तानी नौसेना की क्षमता में हैरतअंगेज इजाफा

भारतीय नौसेना की तैयारियां:

  1. निर्माणाधीन जहाज और पनडुब्बियां:
    भारतीय नौसेना फिलहाल 62 युद्धक जहाज और एक पनडुब्बी का निर्माण कर रही है। साथ ही, 31 और युद्धपोतों और छह पनडुब्बियों की आवश्यकता है।

  2. तकनीकी उन्नति:
    नौसेना आधुनिक तकनीक को अपनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। हाल ही में, आईएनएस अरिघात से लंबी दूरी की परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल का सफल परीक्षण हुआ है।

  3. राफेल लड़ाकू विमान और स्कॉर्पीन पनडुब्बी:
    नौसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमानों और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की डील अगले महीने पूरी होने की उम्मीद है।

  4. परमाणु पनडुब्बी निर्माण:
    सरकार ने दो नई परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दी है। यह भारत की स्वदेशी सैन्य उत्पादन क्षमताओं में बढ़ते आत्मविश्वास का प्रतीक है।

चीन का बढ़ता प्रभाव:

एडमिरल त्रिपाठी ने हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना चीन की पीएलए नेवी के साथ-साथ अन्य पड़ोसी देशों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए है। भारत की रणनीति है कि चीन की बढ़ती ताकत से क्षेत्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हित प्रभावित न हों।

नौसेना प्रमुख के ये बयान भारत की सुरक्षा नीति और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। भारतीय नौसेना न केवल अपने युद्धक क्षमताओं को बढ़ा रही है, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार भी है।

You can share this post!

अगले साल भारत दौरे पर आएंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन

बांग्लादेश में भेजी जानी चाहिए शांति सेना;ममता बनर्जी 

Leave Comments