नई दिल्ली। कोलकाता में हुए ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस से जुड़े मामले में गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। इसमें ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने सहयोग नहीं किया, इससे सीआईएसएफ के काम में दिक्कत आ रही है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने आवेदन में कहा कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक हॉस्पिटल की सुरक्षा सीआईएसएफ ने संभाल ली है, लेकिन वहां जवानों के ठहरने का इंतजाम नहीं किया गया। जवानों को हर दिन लगभग एक घंटे का सफर कर वहां पहुंचना पड़ता है। इस वजह से किसी आपात स्थिति में अतिरिक्त फोर्स उपलब्ध करवाना भी संभव नहीं हो पाएगा।
महिला जवानों के लिए भी व्यवस्था नहीं
गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से सीआईएसएफ के लिए व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती, तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई हो। इस मामले में अब 5 सितंबर को सुनवाई होगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि आर जी कर हॉस्पिटल में तैनात सीआईएसएफ के 97 लोगों में से 54 महिला हैं। उनके लिए भी उचित व्यवस्था नहीं की गई है। जगह न मिलने के चलते सुरक्षा उपकरणों को भी सही तरीके रखने में समस्या आ रही है।
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