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खरगे का मोहन भागवत पर तीखा हमला: "आजादी का अपमान, संघर्ष की अनदेखी"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी की कड़ी निंदा की

खरगे का मोहन भागवत पर तीखा हमला: "आजादी का अपमान, संघर्ष की अनदेखी"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी की कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि "भारत को असली आजादी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन मिली।" खरगे ने इसे आजादी के लिए किए गए संघर्ष का अपमान करार देते हुए कहा कि आरएसएस और उसके नेताओं ने कभी आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया और ऐसे बयान उनकी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों से अनभिज्ञता दर्शाते हैं।

Kharge condemns Bhagwat's 'independence' remark - The Global Kashmir

मल्लिकार्जुन खरगे का पलटवार:

  1. 1947 की आजादी का अनादर:
    खरगे ने भागवत के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि 1947 में मिली आजादी को नजरअंदाज करना उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है जिन्होंने अपनी जान कुर्बान की।

  2. आरएसएस का आजादी में योगदान:
    खरगे ने आरोप लगाया कि आरएसएस का स्वतंत्रता संग्राम से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा, "वे लोग जेल नहीं गए, संघर्ष नहीं किया, इसलिए आजादी का महत्व नहीं समझते।"

  3. चेतावनी:
    खरगे ने भागवत को आगाह करते हुए कहा, "अगर वे ऐसी ही टिप्पणियां करते रहेंगे तो उनका पूरे देश में घूमना मुश्किल हो जाएगा।"

कांग्रेस मुख्यालय से विरोध का संकल्प:

कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर खरगे ने इसे संविधान और लोकतंत्र को बचाने का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन ताकतों से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है जो लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रही हैं।

कांग्रेस के योगदान पर जोर:

खरगे ने बाबा साहेब आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि इतिहास बनाने के लिए इतिहास को समझना जरूरी है। उन्होंने मौजूदा सरकार और उसके समर्थकों पर हमला करते हुए कहा कि "आज की पार्टियां देश के लिए काम करने के बजाय कांग्रेस को गाली देने में समय बर्बाद कर रही हैं।"

कांग्रेस का संदेश:

खरगे ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस न केवल भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़ रही है, बल्कि उन सभी ताकतों से टकरा रही है जो संविधान, लोकतंत्र और आजादी के संघर्ष की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रही हैं।

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