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केरल हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी: मंदिरों में राजनीतिक फ्लेक्स बोर्ड की अनुमति नहीं

केरल हाईकोर्ट ने  मंदिरों में फ्लेक्स बोर्ड के जरिए राजनीतिक संदेश देने के मामले में सख्त टिप्पणी की

केरल हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी: मंदिरों में राजनीतिक फ्लेक्स बोर्ड की अनुमति नहीं

केरल हाईकोर्ट ने  मंदिरों में फ्लेक्स बोर्ड के जरिए राजनीतिक संदेश देने के मामले में सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि मंदिरों में राज्य सरकार या त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) को बधाई देने वाले फ्लेक्स बोर्ड लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन और जस्टिस मुरली कृष्णा एस की खंडपीठ ने कहा, भक्त मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए आते हैं, मुख्यमंत्री, विधायकों या टीडीबी के सदस्यों का चेहरा देखने नहीं। यह टिप्पणी अदालत ने अलपुझ्झा जिले के चेरथाला के थुरावुर महाक्षेत्रम मंदिर में लगाए गए फ्लेक्स बोर्ड के खिलाफ दर्ज शिकायत पर सुनवाई करते हुए की।

शिकायत के मुताबिक, फ्लेक्स बोर्ड पर मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, राज्य देवस्वम मंत्री वीएन वसावन, टीडीबी के अध्यक्ष और स्थानीय विधायक की तस्वीरें थीं। इन बोर्डों में एलडीएफ और टीडीबी को सबरीमाला तीर्थ यात्रा के दौरान विशेष अनुमति देने के लिए बधाई दी गई थी।खंडपीठ ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा, इस भ्रम में न रहें कि आप (टीडीबी) मंदिरों के मालिक हैं। बोर्ड केवल मंदिरों के प्रबंधन का ट्रस्टी है। भक्तों से मिले पैसों को इस तरह के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।अदालत ने कहा कि थुरावुर मंदिर, जो सबरीमाला तीर्थ यात्रा के दौरान रुकने का एक प्रमुख स्थान है, वहां भक्तों को सुविधाएं प्रदान करना टीडीबी की जिम्मेदारी है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर की सलाहकार समिति को फ्लेक्स बोर्ड लगाने का अधिकार नहीं है।पीठ ने टीडीबी और अन्य संबंधित प्राधिकरणों से जवाब मांगा है और टीडीबी को निर्देश दिया कि वह अपने प्रबंधन में आने वाले सभी मंदिरों में लगे फ्लेक्स बोर्ड्स की जानकारी उपलब्ध कराए।

 

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