नई दिल्ली। देशभर में अपराधियों के घर बुलडोजर से गिराने के मामले सामने आ रहे हैं। उदयपुर का एक ऐसा ही मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। उदयपुर में चाकू मारने के आरोपी बच्चे के पिता के घर पर बुलडोजर चलने के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि हम भी अवैध निर्माण को बचाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन किसी लड़के की गलती के चलते उसके पिता का घर गिरा देना सही नहीं हो सकता।
सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि म्युनिसिपल नियमों के मुताबिक नोटिस देकर ही अवैध निर्माण को ढहाया जा सकता है। किसी के किसी अपराध में आरोपी होने के चलते नहीं। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस बारे में कुछ दिशानिर्देश तय करने की ज़रूरत है, जिसका सभी राज्य पालन करें। तुषार मेहता ने कहा कि ज्यादातर मामलों में अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस पहले ही दिया गया था। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम भी अवैध निर्माण को बचाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन किसी लड़के की गलती के चलते उसके पिता का घर गिरा देना सही नहीं हो सकता। इसके बाद मेहता ने कहा कि हम भी सभी पक्षों से बात कर समाधान की कोशिश करेंगे। तुषार मेहता की बात सुनने के बाद जज ने सभी पक्षों से कहा कि वे वरिष्ठ वकील नचिकेता जोशी को अपने सुझाव दें। उन्हें देखने के बाद पूरे देश के लिए गाइडलाइंस बनाए जाएंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
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