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इसरो का स्पैडेक्स मिशन: अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में नई उपलब्धि

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी60 (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के जरिए स्पैडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया

इसरो का स्पैडेक्स मिशन: अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में नई उपलब्धि

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार रात को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी60 (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के जरिए स्पैडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने इस ऐतिहासिक मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह लॉन्च सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया गया 99वां मिशन है। पीएसएलवी-सी60 ने स्पैडेक्स सैटेलाइट को 475 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित किया। उन्होंने कहा, "लॉन्च फेज़ सफल रहा है। अब मिशन का ऑर्बिट फेज़ शुरू होगा, जिसमें स्पैडेक्स घूमकर डॉकिंग प्रक्रिया को पूरा करेगा।

ISRO's Spadex Mission: How India Will Dock Two Satellites To Make One In  Space Latest News Update, What is Spadex Mission? इसरो का स्पेडएक्स मिशन  क्या है | Jansatta

स्पैडेक्स (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष यानों को 'डॉक' और 'अनडॉक' करने के लिए आवश्यक तकनीक का विकास और परीक्षण करना है। इसरो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेंद्रन एन. ने बताया कि यह मिशन भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों, जैसे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रयान-4 के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि "डॉकिंग मेकैनिज़्म" एक महत्वपूर्ण तकनीक है, जो चंद्रमा से लौटने वाले स्पेसक्राफ्ट को सैंपल लेकर सुरक्षित वापस लाने में मदद करेगी। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान की क्षमताओं को और मजबूत करेगा।

स्पैडेक्स मिशन  इसरो की अंतरिक्ष अन्वेषण में एक और उल्लेखनीय सफलता है।

 

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