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भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटी, विनिर्माण और खनन क्षेत्रों का कमजोर प्रदर्शन मुख्य कारण

वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.2% रह गई, जिसका प्रमुख कारण विनिर्माण और खनन क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन रहा

भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटी, विनिर्माण और खनन क्षेत्रों का कमजोर प्रदर्शन मुख्य कारण

वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.2% रह गई, जिसका प्रमुख कारण विनिर्माण और खनन क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन रहा। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही में जीडीपी वृद्धि 6.2% रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 9.5% थी।

GDP दर में उतार-चढ़ाव

  • जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में वृद्धि दर 5.6% दर्ज की गई।

  • चालू वित्त वर्ष के लिए NSO का अनुमान 6.5% रखा गया है, जो पहले 6.4% था।

  • वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि को संशोधित कर 9.2% किया गया, जो पहले 8.2% था।

बुनियादी उद्योगों का प्रदर्शन

देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जनवरी 2025 में 4.6% रही, जो पिछले साल इसी महीने 4.2% थी।

  • कोयला उत्पादन – 4.6% बढ़ा (पिछले साल 10.6%)

  • इस्पात उत्पादन – 3.7% बढ़ा (पिछले साल 9.2%)

  • बिजली उत्पादन – 1.3% बढ़ा (पिछले साल 5.7%)

  • रिफाइनरी उत्पाद – 8.3% की वृद्धि

  • उर्वरक उत्पादन – 3% की वृद्धि

  • सीमेंट उत्पादन – 14.5% की वृद्धि

औद्योगिक उत्पादन और आर्थिक संकेतक

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 4.4% रही, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 7.8% थी।
आठ प्रमुख उद्योगों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 40.27% योगदान है, जिससे औद्योगिक वृद्धि का समग्र स्तर मापा जाता है।

निष्कर्ष

भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट उद्योगों की सुस्ती को दर्शाती है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सुधार देखा गया है, लेकिन विनिर्माण और खनन में मंदी चिंता का विषय बनी हुई है। आने वाले महीनों में सुधार के लिए आर्थिक नीतियों और निवेश को बढ़ावा देना अहम होगा।

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