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भारत में एचआईवी संक्रमण के बढ़ते मामले: मिजोरम और लुधियाना में हालात चिंताजनक

देश के कुछ हिस्सों में एचआईवी संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का विषय है

भारत में एचआईवी संक्रमण के बढ़ते मामले: मिजोरम और लुधियाना में हालात चिंताजनक

देश के कुछ हिस्सों में एचआईवी संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। मिजोरम में एचआईवी प्रसार की दर सबसे अधिक है, जबकि पंजाब के लुधियाना में भी संक्रमित लोगों की संख्या में खतरनाक इजाफा हुआ है।

मिजोरम: एचआईवी प्रसार दर में देश में सबसे आगे

मिजोरम में 2.73% आबादी एचआईवी संक्रमित है। जनवरी 2025 तक राज्य में कुल 32,287 एचआईवी पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 5,511 मरीजों की मौत हो चुकी है। अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच 1,769 नए मामले सामने आए हैं।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री लालरिनपुई ने इस गंभीर संकट पर चिंता जताते हुए लोगों से संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाने की अपील की। मिजोरम लेजिसलेटिव फोरम की बैठक में एचआईवी नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने पर जोर दिया गया।

लुधियाना: सिरिंज साझा करने से बढ़ते संक्रमण के मामले

पंजाब के लुधियाना में साल 2024 में 1,658 नए एचआईवी मामले सामने आए। रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकांश संक्रमित लोग इंट्रावेनस ड्रग यूजर्स (IDU) हैं, जो नशीली दवाओं के इंजेक्शन का इस्तेमाल करते थे।

2010 में लुधियाना में आईडीयू संक्रमित मरीजों की दर 12.8% थी, जो 2024 में 59.16% तक पहुंच गई। सिविल अस्पताल के एआरटी सेंटर के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिंदर सूद ने बताया कि पहले असुरक्षित यौन संबंध एचआईवी प्रसार का मुख्य कारण थे, लेकिन अब संक्रमित सिरिंज साझा करने से संक्रमण बढ़ रहा है।

त्रिपुरा: छात्रों में तेजी से फैल रहा संक्रमण

जुलाई 2024 में त्रिपुरा के कुछ स्कूलों में 828 छात्र एचआईवी पॉजिटिव पाए गए, जबकि 47 छात्रों की मौत हो गई। त्रिपुरा एड्स नियंत्रण सोसाइटी (TSACS) के अनुसार, राज्य के 220 स्कूलों, 24 कॉलेजों और कुछ विश्वविद्यालयों के छात्र नशीली दवाओं के इंजेक्शन के कारण संक्रमित हुए।

एचआईवी संक्रमण की रोकथाम और उपचार

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित रक्त परीक्षण और एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) का उपयोग संक्रमण को फैलने से रोक सकता है। यह थेरेपी एचआईवी को नियंत्रित करने में मदद करती है और संक्रमित व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा को बढ़ा सकती है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट: राहत की खबर

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनएड्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में वैश्विक स्तर पर एचआईवी संक्रमण के मामलों में सबसे कम संख्या दर्ज की गई। हालांकि, अभी भी यह संख्या एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से बाहर निकालने के लक्ष्य से तीन गुना अधिक है।

भारत में एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान, सुरक्षित स्वास्थ्य उपायों और नशा मुक्ति कार्यक्रमों की सख्त जरूरत है। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को मिलकर संक्रमण की रोकथाम और संक्रमित लोगों के इलाज के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।

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