नई दिल्ली। राम मंदिर और अनुच्छेद 370 से जुड़े फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ज्ञानेश कुमार आज यानी 18 फरवरी से देश के मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सोमवार को नए सीईसी के नाम को फाइनल करने के लिए एक बैठक की। ज्ञानेश कुमार मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की जगह लेंगे। राजीव कुमार मंगलवार यानी 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले सोमवार रात कानून मंत्रालय ने नोटिस जारी करते हुए नए चुनाव आयुक्त के नाम की घोषणा की। ज्ञानेश
1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार अब तक चुनाव आयुक्त के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे थे। वे पहले सहकारिता मंत्रालय के सचिव थे और 31 जनवरी 2024 को रिटायर हुए। कुमार अनुच्छेद 370 हटाने जैसे महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय में भी काम किया है। कुल मिलाकर, कुमार का एक लंबा और प्रभावशाली प्रशासनिक करियर रहा है।
अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान कुमार की भूमिका बेहद अहम थी। अगस्त 2019 में, वे गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के संयुक्त सचिव थे। इस दौरान उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ मिलकर काम किया। इस संवेदनशील मामले को सुलझाने में उनका योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है। यह उनकी प्रशासनिक क्षमता का प्रमाण है। 2020 में, ज्ञानेश कुमार को गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव बनाया गया। उन्हें अयोध्या मामले से जुड़े सभी मामलों की जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन भी शामिल था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद के सभी कार्य उनकी देखरेख में हुए। यह एक और महत्वपूर्ण भूमिका थी जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक निभाया।
नए कानून के तहत पहली नियुक्ति
ज्ञानेश कुमार निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक रहेगा। इसके कुछ दिन बाद ही निर्वाचन आयोग अगले लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। ज्ञानेश कुमार 26वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव और 2026 में केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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