भारत के राष्ट्रीय हित और सांस्कृतिक पहचान पर विदेश मंत्री जयशंकर का संदेश
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक समारोह में वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि भारत कभी भी दूसरों को अपनी पसंद पर वीटो करने की अनुमति नहीं दे सकता है
- Published On :
24-Dec-2024
(Updated On : 24-Dec-2024 10:45 am )
भारत के राष्ट्रीय हित और सांस्कृतिक पहचान पर विदेश मंत्री जयशंकर का संदेश
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक समारोह में वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि भारत कभी भी दूसरों को अपनी पसंद पर वीटो करने की अनुमति नहीं दे सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपने राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो सही होगा, वह बिना किसी भय के करेगा।मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में, विदेश मंत्री ने बताया कि जैसे-जैसे भारत वैश्विक मंच पर अधिक गहराई से जुड़ रहा है, उसके प्रभाव भी उतने ही महत्वपूर्ण हो रहे हैं। उन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया इससे बहुत कुछ सीख सकती है, बशर्ते भारतीय खुद अपनी विरासत पर गर्व करें।

जयशंकर ने कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में प्रौद्योगिकी और परंपरा को साथ-साथ बढ़ाना जरूरी है। उनका मानना है कि भारत अपनी भारतीयता को बनाए रखते हुए प्रगति कर सकता है और ऐसा करके एक बहुध्रुवीय दुनिया में प्रमुख शक्ति बन सकता है।विदेश मंत्री को इस अवसर पर 27वें एसआईईएस श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती नेशनल एमिनेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार सार्वजनिक नेतृत्व, सामुदायिक नेतृत्व, मानव प्रयास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और सामाजिक नेतृत्व जैसे क्षेत्रों में दिया जाता है। हालांकि, जयशंकर समारोह में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने अपने विचार वीडियो संदेश के माध्यम से साझा किए।उन्होंने यह भी कहा कि भारत को स्वतंत्रता और तटस्थता में फर्क समझना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रगति और आधुनिकता को हमारी परंपराओं की अस्वीकृति के रूप में देखने का दृष्टिकोण बदलने की जरूरत है।
विदेश मंत्री ने भारत को "एक सभ्यता वाला असाधारण राष्ट्र" करार दिया और कहा कि इसकी सांस्कृतिक ताकत को पूरी तरह उपयोग में लाना आवश्यक है। युवा पीढ़ी को अपनी विरासत का मूल्य समझने और इसे सामाजिक प्रभाव के स्तर तक लाने की जरूरत है।
जयशंकर ने कहा कि भारत आज विकास की नई संभावनाओं के मुहाने पर खड़ा है, लेकिन कुछ पुरानी समस्याएं अब भी समाधान की प्रतीक्षा कर रही हैं। उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक ताकत और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने पर जोर दिया, ताकि यह वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली भूमिका निभा सके।
Previous article
पीएम मोदी ने रोजगार मेला के तहत 71,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे
Next article
वंदे भारत ट्रेन रास्ता भटकी, 11 किलोमीटर बाद सुधारी गई गलती, तब तक हो गई थी 90 मिनट लेट
Leave Comments