भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने पर चर्चा: राजनाथ सिंह और मोहम्मद घासन मौमून की मुलाकात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत दौरे पर आए मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून से मुलाकात की
- Published On :
09-Jan-2025
(Updated On : 09-Jan-2025 11:49 am )
भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने पर चर्चा: राजनाथ सिंह और मोहम्मद घासन मौमून की मुलाकात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत दौरे पर आए मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को लेकर गहन चर्चा की और विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा की।

प्रमुख बिंदु:
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द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर जोर
राजनाथ सिंह ने मालदीव की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत मालदीव को रक्षा उपकरण और संसाधनों की आपूर्ति करने और उनकी रक्षा क्षमताओं को उन्नत करने में मदद करने के लिए तैयार है।
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'पड़ोसी प्रथम नीति' में मालदीव का विशेष स्थान
रक्षा मंत्री ने भारत की 'पड़ोसी प्रथम नीति' का जिक्र करते हुए कहा कि यह नीति क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि को प्राथमिकता देती है, जिसमें मालदीव की महत्वपूर्ण भूमिका है।
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मालदीव के मंत्री की प्रशंसा
मोहम्मद घासन मौमून ने भारत की 'प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता' के रूप में भूमिका की सराहना की। उन्होंने मालदीव को रक्षा और सुरक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण और आधुनिक अवसंरचना में सहयोग देने के लिए भारत का धन्यवाद किया।
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रक्षा उपकरणों की आपूर्ति और प्रशिक्षण
भारत ने मालदीव के अनुरोध पर उसे रक्षा उपकरण और सामग्री प्रदान की है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत मालदीव के रक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, और कार्यशालाओं के माध्यम से सहयोग जारी रखेगा।
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साझा दृष्टिकोण और सहयोग
दोनों नेताओं ने भारत और मालदीव के बीच समुद्री सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए साझा दृष्टिकोण पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
महत्वपूर्ण साझेदारी का विस्तार
इस बैठक से स्पष्ट है कि भारत और मालदीव के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। भारत ने मालदीव को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में क्षमता निर्माण, आधुनिक तकनीकी समर्थन, और सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में मदद देने का आश्वासन दिया।
भविष्य की दिशा
दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने यह सुनिश्चित किया कि भारत-मालदीव साझेदारी समुद्री सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी विकास के उद्देश्यों को पूरा करती रहे।
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