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ब्रह्मपुत्र पर चीन का मेगाबांध: भारत की आपत्ति पर चीन का जवाब

तिब्बत में यारलुंग सांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर चीन की जल विद्युत परियोजना पर भारत की आपत्ति के जवाब में चीन ने दावा किया है कि यह परियोजना वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित और लाभकारी है।

ब्रह्मपुत्र पर चीन का मेगाबांध: भारत की आपत्ति पर चीन का जवाब

तिब्बत में यारलुंग सांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर चीन द्वारा बनाए जा रहे विश्व के सबसे बड़े जल विद्युत परियोजना पर भारत की आपत्ति के जवाब में चीन ने दावा किया है कि यह परियोजना वैज्ञानिक रूप से सुरक्षित और लाभकारी है।

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चीन का पक्ष:
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ याकुन ने कहा, "यारलुंग सांगपो नदी पर प्रस्तावित हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट की पूरी वैज्ञानिक समीक्षा की गई है। यह परियोजना निचले इलाकों में बसे देशों के पानी के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगी।"

उन्होंने यह भी कहा, "यह परियोजना आपदाओं को रोकने, राहत में मदद करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को संतुलित करने में सक्षम होगी।"

परियोजना का लक्ष्य:
तिब्बत पठार के पूर्वी छोर पर बनने वाले इस बांध से सालाना 300 बिलियन किलोवाट-घंटा बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। यह बांध आकार और उत्पादन क्षमता में दुनिया का सबसे बड़ा बांध होगा।

भारत की चिंता:
भारत ने इस परियोजना पर आपत्ति जताई है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी पूर्वोत्तर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है। बांध निर्माण से नदी के प्रवाह, पारिस्थितिकी, और निचले इलाकों में जल आपूर्ति पर प्रभाव पड़ने की आशंका है।

यह परियोजना क्षेत्रीय जल प्रबंधन और पारिस्थितिकी के संतुलन को लेकर भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी हुई है।

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