असम के बराक घाटी में बांग्लादेशी ग्राहकों के प्रवेश पर रोक, होटल-रेस्तरां मालिकों का विरोध प्रदर्शन
असम के बराक घाटी क्षेत्र में होटल और रेस्तरां मालिकों ने बांग्लादेशी ग्राहकों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
- Published On :
08-Dec-2024
(Updated On : 08-Dec-2024 11:29 am )
असम के बराक घाटी में बांग्लादेशी ग्राहकों के प्रवेश पर रोक, होटल-रेस्तरां मालिकों का विरोध प्रदर्शन
असम के बराक घाटी क्षेत्र में होटल और रेस्तरां मालिकों ने बांग्लादेशी ग्राहकों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह फैसला बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कथित अत्याचारों के विरोध में लिया गया है।बराक घाटी के कछार, श्रीभूमि (करीमगंज), और हैलाकांडी जिलों में होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ने कहा है कि जब तक बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार बंद नहीं होते, तब तक बांग्लादेशी पर्यटकों और आगंतुकों का बहिष्कार जारी रहेगा।
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एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबुल राय ने कहा हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को सहन नहीं किया जा सकता। बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों का बढ़ता प्रभाव लोकतंत्र को खत्म कर रहा है। हम तब तक बांग्लादेशी ग्राहकों को सेवा नहीं देंगे जब तक स्थिति में सुधार नहीं होता।श्रीभूमि (करीमगंज) जिला और बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र के बीच 129 किलोमीटर लंबी सीमा साझा होती है। इस क्षेत्र में लंबे समय से सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध रहे हैं।बराक घाटी में बांग्लादेशी उत्पादों के बहिष्कार की अपील हो रही है।श्रीभूमि आयात-निर्यात संघ ने भी बांग्लादेश के साथ व्यापारिक संबंधों को निलंबित करने का निर्णय लिया है।क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं, जिनमें बांग्लादेशी सामानों के बहिष्कार की मांग उठ रही है।श्रीभूमि के उपायुक्त प्रदीप कुमार द्विवेदी ने इस फैसले पर कहा यह होटल मालिकों का व्यक्तिगत निर्णय है। प्रशासन भारत सरकार के कूटनीतिक कानूनों के तहत काम करता है। विरोध करना लोगों का अधिकार है।बराक घाटी के होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ने यह भी उल्लेख किया कि त्रिपुरा ने इसी तरह के विरोध प्रदर्शन और बहिष्कार का समर्थन किया है।
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