सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव के यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड पर दिए गए बयान को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जज का व्यवहार संविधान और न्यायिक आचार संहिता के खिलाफ है।
रविवार को विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा था, हिन्दुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यक के अनुसार ही देश चलेगा। उन्होंने एक से अधिक पत्नी रखने, तीन तलाक़ और हलाला जैसी प्रथाओं को अब अस्वीकार्य बताया। उनके इस बयान के बाद आलोचना शुरू हो गई है।
असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर कहा, मैंने जज शेखर यादव को हटाने की मांग वाले नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं। यह नोटिस सांसद रुहुल्लाह मेहदी लेकर आए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जज का यह बयान संवैधानिक मूल्यों और न्यायिक आचार संहिता का उल्लंघन करता है।
ओवैसी ने कहा कि न्यायाधीशों को अपने विचार व्यक्त करने में संवैधानिक मर्यादा का पालन करना चाहिए। उन्होंने इसे न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करने वाला मामला बताया।जस्टिस शेखर कुमार यादव के बयान की विभिन्न संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने आलोचना की है। इसे न केवल न्यायिक आचरण के मानदंडों का उल्लंघन बताया गया है, बल्कि संवैधानिक धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ भी माना जा रहा है।
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