Article By :
आचार्य गजेंद्र शर्मा, ज्योतिषाचार्य
इस बार चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोप 3:01से शुरू होकर 7 सितंबर को सायं 5:37बजे समाप्त हो रही है।गणेश प्रतिमा की स्थापना के लिए पूरे दिन मुहूर्त रहेंगे। हालांकि मध्याह्न काल में स्थापना करना श्रेष्ठ रहता है।
इंदौर। इस बार भगवान 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी पर अनेक शुभ योग बन रहे हैं। चित्रा-स्वाति की साक्षी और ब्रह्म योग में गणराज को विराजित किया जाएगा। यह नक्षत्र शुभता देने वाले हैं। धार्मिक ग्रंथों में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का महत्व काफी है। इसी दिन गणेशजी का जन्म हुआ था, इसलिए धूमधाम से अपने-अपने घरों, प्रतिष्ठानों में गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं। 10 दिनों तक पूजन के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीगणेश को विदाई दी जाती है।
इस बार 7 सितंबर को चित्रा नक्षत्र दोपहर 12:33 बजे तक रहेगा। इसके बाद स्वाति नक्षत्र लग जाएगा। ब्रह्म योग सूर्योदय पूर्व से प्रारंभ होकर रात्रि 11:15 बजे तक रहेगा। गणेश प्रतिमा की स्थापना के लिए पूरे दिन मुहूर्त रहेंगे। हालांकि मध्याह्न काल में स्थापना करना सर्वाधिक प्रचलित और श्रेष्ठ रहेगा। गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन 17 सितंबर को किया जाएगा। इस बार चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोप 3:01से शुरू होकर 7 सितंबर को सायं 5:37बजे समाप्त हो रही है।
गणपति स्थापना मुहूर्त 2024
नमस्तस्मै गणेशाय ब्रह्मविद्याप्रदायिने ।
यस्यागस्त्यायते नाम विघ्नसागरशोषणे ।।
(ब्रह्मविद्या के प्रदाता उन गणेशजीको नमस्कार है, जिनका नाम अगस्त्यमुनि की भांति विघ्नरूपी समुद्रको सुखानेवाला है।)
मध्याह्न मुहूर्त
प्रात: 11:10 से दोप 1:39
अभिजित मुहूर्त
प्रात: 11:59 से दोप 12:49
सर्वार्थसिद्धि योग
दोप 12:34 से रात्रि पर्यंत
विजय मुहूर्त
दोप 2:29 से 3:19
चौघड़िया अनुसार
शुभ : प्रात: 7:45 से 9:18
चर : दोप 12:24 से 1:57
अमृत : दोप 3:30 से सायं 5:04
लग्न अनुसार
वृश्चिक : प्रात: 11:19 से दोप 1:35
Leave Comments