नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर के शासी निकाय तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन सभी को ट्रांसफर या वॉलेंट्री रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) लेने के लिए कहा गया है। बोर्ड ने कहा कि यह निर्णय अपने मंदिरों और धार्मिक गतिविधियों की आध्यात्मिक पवित्रता को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
टीटीडी ने त्योहारों और अनुष्ठानों में भाग लेने के साथ-साथ गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में कथित रूप से भाग लेने वाले 18 कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। आदेश में लिखा है कि भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की पवित्रता के लिए इन कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया गया है। टीटीडी की ओर से एक ज्ञापन भी जारी किया गया है, जिसमें बताया गया 18 कर्मचारियों को संस्थान से हटाया गया है, जो गैर-हिंदू धार्मिक परंपराओं का पालन कर रहे थे। टीटीडी ने ज्ञापन में बताया कि मंदिर में कई कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने मंदिर के साथ शामिल होने के समय हिंदू धर्म और हिंदू धर्म की परंपराओं का पालन करने की शपथ ली थी, लेकिन पता चला है कि ये लोग मंदिर से जुड़े होने के बावजूद गैर-हिंदू परंपराओं का पालन कर रहे हैं। ज्ञापन में आगे कहा गया कि इन कर्मचारियों ने शपथ में कहा था कि वह हिंदू भक्तों का सम्मान करने और मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल टीटीडी बोर्ड ने फैसला किया था कि गैर-हिंदू कर्मचारियों को मंदिर में नियुक्त नहीं किया जाएगा। चेयरमैन बीआर नायडू ने कहा था कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम मंदिर एक हिंदू संस्थान है इसलिए यहां गैर-हिंदू कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि वह सरकार से मौजूदा गैर-हिंदू कर्मचारियों के किसी और सरकारी कार्यालय में ट्रांसफर या वीआरएस के लिए कहेंगे। मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट से उपजे विवाद के बाद टीटीडी की बैठक में यह फैसला लिया गया था।
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