प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में आज मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान हुआ। सुबह 8.30 बजे तक ही एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगा ली थी। सबसे पहले कई अखाड़ों के नागा साधुओं ने संगम में डुबकी लगाई। हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा संगम तट गूंज उठा।
संगम तट पर अमृत स्नान का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। हर-हर महादेव, जय श्रीराम के जयघोष करते हुए श्रद्धालु भी आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। 'स्नान' क्षेत्र की ओर जाने वाले अखाड़ा मार्ग पर कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था। सबसे पहले महानिर्वाणी एवं अटल अखाड़े के संतों ने स्नान किया। शिविर से इस अखाड़े के संतों ने सुबह करीब सवा पांच बजे प्रस्थान किया। संगम पर सवा छह बजे पहुंचे। करीब 40 मिनट तक अमृत स्नान किया। इनके बाद निरंजनी एवं आनंद अखाड़ा के संतों ने 7.05 बजे स्नान किया। इसी क्रम में जूना, आवाहन एवं पंच अग्नि अखाड़ा के संतों ने एक साथ सुबह आठ बजे स्नान किया। परंपरा के अनुसार सबसे पहले नागा साधुओं के 13 अखाड़े अमृत स्नान करते हैं. इस बार महाकुंभ न सिर्फ भारतीय श्रद्धालुओं के लिए बल्कि विदेशी पर्यटकों और भक्तों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक, महाकुंभ के दौरान 6 शाही स्नान और 3 अमृत स्नान किए जाएंग। अब दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर और तीसरा अमृत स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन किया जाएगार। अमृत स्नान को जाते समय नागा संन्यासियों की चरण रज लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने देर रात से ही अखाड़ा मार्ग पर डेरा डाल दिया। यहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने कई दफा उनको हटाया लेकिन, कुछ देर बाद दोबारा श्रद्धालु वहां आ जाते। देर रात तक हजारों श्रद्धालु अखाड़ा मार्ग पर डेरा डाले दिखाई दिए।
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