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राजनीतिक बयानों में मौत और हिंसा जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए: सुधांशु त्रिवेदी

बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस वार्ता कर कहा है कि राजनीतिक बयानों में मौत और हिंसा जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए

राजनीतिक बयानों में मौत और हिंसा जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए: सुधांशु त्रिवेदी

बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस वार्ता कर कहा है कि राजनीतिक बयानों में मौत और हिंसा जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए.सुधांशु त्रिवेदी ने एक अंग्रेज़ी अख़बार में एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी के छपे लेख के हवाले से ये बात कही.वर्तमान समय में विश्व में सुरक्षा को लेकर हो रही गतिविधियों और भारत पर हो रहे उसके प्रभाव के बारे में यह आर्टिकल लिखा गया है.

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सुधांशु त्रिवेदी ने आर्टिकल के हवाले से कहा, राजनीतिक दल अपने स्वार्थ और राजनीतिक लाभ के लिए जो बयान देते हैं वो दूसरे राजनेताओं के प्रति हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं.

सुधांशु त्रिवेदी ने इसको लेकर जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या और डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले का हवाला दिया है.उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ मारना या डंडे मार देंगे जैसे शब्दों का प्रयोग किया था.उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं ने मोदी जी के लिए मौत, कब्र खुदेगी, मर जा और सर फोड़ देंगे जैसे शब्दों का प्रयोग किया है.

सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि बहुत दुख के साथ कहना चाहूंगा कि किसी नेता के लिए सबसे पहले मौत शब्द का प्रयोग 2007 में सोनिया गांधी ने किया था, उन्होंने मौत का सौदागर कहा था.आगे उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान जब संविधान की हत्या हो गई थी तब भी हमने इंदिरा गांधी के लिए न मौत की कामना की थी, न ही मौत जैसे शब्द का प्रयोग किया था.

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