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वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024: संसद में बहस तेज, विपक्ष ने जताई आपत्ति

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर संसद में घमासान मचा हुआ है। संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने इस विधेयक पर 15-11 के बहुमत से अपनी रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024: संसद में बहस तेज, विपक्ष ने जताई आपत्ति

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर संसद में घमासान मचा हुआ है। संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने इस विधेयक पर 15-11 के बहुमत से अपनी रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है, हालांकि विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी असहमति जताई है।

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लोकसभा में पेश होगी रिपोर्ट

जेपीसी की रिपोर्ट सोमवार, 3 फरवरी को लोकसभा में पेश की जाएगी। लोकसभा सचिवालय के अनुसार, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल और सदस्य संजय जायसवाल सदन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इससे पहले, गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को यह रिपोर्ट सौंप दी गई थी।

क्या बदलाव लाएगा नया विधेयक?

सत्तारूढ़ भाजपा सदस्यों का दावा है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही और आधुनिकता लाने का प्रयास है।

जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा हमने संशोधित विधेयक को स्वीकार कर लिया है। इसमें पहली बार एक प्रावधान जोड़ा गया है कि वक्फ संपत्तियों से मिलने वाले लाभ गरीबों, महिलाओं और अनाथों तक पहुंचे। 44 धाराओं में से 14 में संशोधन के प्रस्ताव दिए गए थे, जिन्हें बहुमत से स्वीकार कर लिया गया।

विपक्ष ने जताई आपत्ति

विपक्षी दलों ने इस विधेयक को "मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर हमला" करार दिया है। उनका आरोप है कि सरकार वक्फ बोर्डों के कामकाज में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही है और इसे कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

विधेयक में क्या हैं प्रमुख प्रावधान?

वक्फ अधिनियम 1995 को पारदर्शी बनाने और भ्रष्टाचार से मुक्त करने के उद्देश्य से विधेयक 2024 में कई अहम संशोधन किए गए हैं:
डिजिटलीकरण – वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
बेहतर ऑडिट व्यवस्था – वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े ऑडिट नियम।
अवैध कब्जे हटाने की प्रक्रिया मजबूत – सरकारी स्तर पर कार्रवाई के लिए कानूनी प्रावधान।

क्या होगा आगे?

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक चलेगा, ऐसे में इस विधेयक पर जोरदार बहस होने की संभावना है। अब सवाल उठता है कि क्या यह विधेयक विपक्ष की आपत्तियों के बावजूद पारित हो पाएगा? या फिर इसे लेकर संसद में और हंगामा देखने को मिलेगा?

आने वाले दिनों में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर सियासी तापमान और बढ़ने की संभावना है! 

 

 

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