संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामा , उपराष्ट्रपति धनखड़ ने मर्फी के नियम से की तुलना
संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामे पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने निराशा जताते हुए इसे मर्फी के नियम से जोड़ा
- Published On :
03-Dec-2024
(Updated On : 03-Dec-2024 11:49 am )
संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामा , उपराष्ट्रपति धनखड़ ने मर्फी के नियम से की तुलना
संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामे पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने निराशा जताते हुए इसे मर्फी के नियम से जोड़ा। मर्फी का नियम कहता है कि जो कुछ भी गलत हो सकता है, वह गलत ही होगा। धनखड़ ने कहा कि एक ऐसा एल्गोरिदम मौजूद है, जो जानबूझकर सदन का संचालन नहीं होने दे रहा है, जिससे संसद के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो रही है।
धनखड़ ने राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच टिप्पणी करते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि इस प्रतिष्ठित सदन में मर्फी के नियमों को लागू करने के लिए एक एल्गोरिथ्म मौजूद है, जो जानबूझकर संसद को नहीं चलने दे रहा है, और इससे संसद के कामकाज में रुकावट आ रही है। हम संविधान में बताए गए प्रावधानों के बिल्कुल विपरीत काम कर रहे हैं।यह टिप्पणी विपक्ष द्वारा अदाणी मामले, मणिपुर हिंसा, संभल हिंसा और अजमेर शरीफ दरगाह विवाद पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाने के बाद की गई, जिसके कारण शीतकालीन सत्र में अब तक एक दिन भी संसद का कामकाज सुचारू रूप से नहीं हो पाया है।हंगामे के दौरान, राज्यसभा सभापति धनखड़ ने सांसदों से अपील की कि संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने दिया जाए। हालांकि, अपील के बावजूद विपक्षी सांसदों की नारेबाजी जारी रही, जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी
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