नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली कोचिंग सेंटर में हुई मौतों के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। कोचिंग सेंटरों मे सेफ्टी के लिए गाइडलाइन बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बडा आदेश आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कोचिंग सेंटर तो डेथ चैंबर बन गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर पूछा कि कोचिंग सेंटरों मे क्या सेफ्टी के नियम लागू किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को इस मामले मे कोर्ट की सहायता करने को कहा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि हमारा ये सोचना है कि अगर कोचिंग सेंटर सेफ्टी नॉर्म को पूरा नही करते तो इनको ऑन लाइन मोड मे कर दिया जाना चाहिए लेकिन फिलहाल हम ये नहीं कर रहे हैं। कोचिंग संस्थान ऑनलाइन संचालित हो सकते हैं। जब तक कि वहां पढ़ने वाले युवाओं के गरिमामयी जीवन के लिए सुरक्षा मानदंडों और बुनियादी मानदंडों का पूर्ण पालन न हो। इन मानदंडों में उचित वेंटिलेशन, सुरक्षा मार्ग, हवा और रोशनी शामिल होना चाहिए।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने पर सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटर फेडरेशन के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। दिल्ली हाई कोर्ट ने मुखर्जी नगर कोचिंग हादसे के बाद जिन कोचिंग सेंटर के पास फायर एनओसी नहीं है उन्हे बंद करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के आदेश को कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी थी।
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