सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के गुंडा एक्ट को सख्त बताया, समीक्षा की जरूरत जताई
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गुंडा और गैर-सामाजिक गतिविधि रोकथाम कानून गुंडा एक्ट को बहुत सख्त बताया और कहा कि इस कानून के प्रावधानों की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है।
- Published On :
05-Dec-2024
(Updated On : 05-Dec-2024 10:39 am )
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के गुंडा एक्ट को सख्त बताया, समीक्षा की जरूरत जताई
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गुंडा और गैर-सामाजिक गतिविधि रोकथाम कानून गुंडा एक्ट को बहुत सख्त बताया और कहा कि इस कानून के प्रावधानों की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है।न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाई कोर्ट ने गुंडा एक्ट के तहत लंबित कार्यवाही रोकने की मांग खारिज कर दी थी।
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई का निर्णय लिया। नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था और याचिकाकर्ता के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।याचिकाकर्ता के वकीलों, वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल और तन्वी दुबे, ने तर्क दिया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी निराधार है और पिछली प्राथमिकी के आधार पर बनाई गई है। उन्होंने इसे कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग और पुलिस एवं न्यायिक प्रणाली का गलत उपयोग बताया।सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि गुंडा एक्ट के कुछ प्रावधानों पर विचार करने और उनकी संवैधानिकता की समीक्षा करने की आवश्यकता है। पीठ ने यह भी बताया कि एक अन्य याचिका, जो इसी कानून की संवैधानिकता को चुनौती देती है, पर भी सुनवाई होगी।
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