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भारत-कतर के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत: दोहरे कराधान से बचाव और राजकोषीय चोरी रोकने पर समझौता

दिल्ली के हैदराबाद हाउस में भारत और कतर के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने वाले एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

भारत-कतर के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत: दोहरे कराधान से बचाव और राजकोषीय चोरी रोकने पर समझौता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की मौजूदगी में दिल्ली के हैदराबाद हाउस में भारत और कतर के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने वाले एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

क्या है यह समझौता?

यह आय पर करों के संबंध में दोहरे कराधान से बचाव और राजकोषीय चोरी की रोकथाम के लिए एक संशोधित समझौता है। इस समझौते के जरिए दोनों देशों के बीच वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और निवेशकों को कर संबंधी सहूलियतें मिलेंगी।

भारत-कतर संबंधों में नई मजबूती

  • आर्थिक सहयोग: यह समझौता व्यापार और निवेश को और अधिक बढ़ावा देने में मदद करेगा।

  • कर नीति में सुधार: दोनों देशों के नागरिकों और कंपनियों को दोहरी कराधान से राहत मिलेगी।

  • कानूनी पारदर्शिता: यह समझौता अवैध वित्तीय लेन-देन और टैक्स चोरी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मोदी-अल थानी की अहम बैठक

इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और अमीर अल थानी ने आर्थिक, व्यापारिक और ऊर्जा सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। कतर भारत के लिए एक प्रमुख एलएनजी (Liquefied Natural Gas) आपूर्तिकर्ता है और दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और निवेश को लेकर लगातार सहयोग बढ़ रहा है।

भविष्य की दिशा

इस समझौते से भारत और कतर के बीच आर्थिक संबंध और गहरे होंगे। यह समझौता निवेशकों और व्यापारिक संगठनों को सुरक्षित और पारदर्शी कर ढांचा प्रदान करने में मदद करेगा, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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