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हंगामे के साथ हुई संसद सत्र की शुरुआत, विपक्ष ने किया वॉकआउट

सोमवार को संसद सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही

हंगामे के साथ हुई संसद सत्र की शुरुआत, विपक्ष ने किया वॉकआउट

सोमवार को संसद सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही. सत्र शुरू होने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी है इसके बाद शोर होने लगा और शोरगुल के बीच स्पीकर ओम बिरला ने भी सफाई दी कि वो माइक बंद नहीं करते.ओम बिरला ने कहा, "कई माननीय सदस्य बाहर ये आरोप लगाते हैं कि पीठासीन या सीट पर बैठे व्यक्ति माइक बंद कर देते हैं... आसन से व्यवस्था रहती है. व्यवस्था रहती है दूसरे नाम की तो दूसरा नाम दिया जाता है.

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आसन से व्यवस्था के अनुसार माइक का कंट्रोल दे दिया जाता है. आसन पर बैठे व्यक्ति के पास माइक के कंट्रोल नहीं होता...इसलिए मेरा आग्रह है कि कोई भी व्यक्ति सभापित तालिका, आसन पर बैठे इस तरह का आक्षेप नहीं करेंगे तो उचित रहेगा. संविधान की मर्यादा के अनुसार रहेंगे.ओम बिरला ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भी बोलने के लिए मौका दिया. बिरला ने खुद से पूछा कि आप बोलने के लिए खड़े हुए आप कुछ कहना चाहते हैं.राहुल ने कहा, हम चाहते थे कि नीट पर एक दिन की चर्चा हो...काफी जरूरी मामला है...दो करोड़ युवाओं का नुकसान हुआ है...70 बार बीते सात सालों में पेपर लीक हुए हैं. हम चाहते थे कि एक दिन इसपर चर्चा हो.इसके बाद ओम बिरला ने बताया कि राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद दें और इस दौरान न तो शून्यकाल होगा और न कोई स्थगन प्रस्ताव लिया जाएगा. ऐसा पहले ही व्यवस्था दी गई है.

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राहुल गांधी फिर खड़े हुए और बोले, "संसद से देश को संदेश जाता है और हम छात्रों को संदेश देना चाहते हैं कि जो नीट का मुद्दा है वो संसद के लिए जरूरी है. इसलिए हम एक दिन की चर्चा चाहते हैं.राहुल की इस मांग के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सदन में खड़े हुए और बोले कि संसद नियम और कानून से चलता है. अगर चर्चा करनी ही है तो एक बार राष्ट्रपति से संबंधित जो धन्यवाद प्रस्ताव है उसे पारित करने के बाद ही करें.नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राजनाथ सिंह की इस बात को सहमति जताते हुए कहा कि "ऐसा करते हैं कि राष्ट्रपति का धन्यवाद प्रस्ताव पास हो जाने के बाद एक दिन चर्चा के लिए देते हैं.इसके बाद विपक्षी दलों के सांसद सदन से बाहर निकले और संसद के कैंपस में सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन शुरू कर दिया.

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