मेधा पाटेकर को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के ख़िलाफ़ मानहानि के एक मामले में पांच महीने की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उन्हें उपराज्यपाल की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए उन्हें 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया था.
ये मामला 23 साल पुराना है. उस समय सक्सेना गुजरात में एक एनजीओ के प्रमुख थे.
पाटेकर की ओर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मैजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने सजा पर रोक लगा दी और वीके सक्सेना के वकील गजेंद्र कुमार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.कोर्ट ने पाटेकर को 25 हजार रुपये के जमानत बॉन्ड और इतनी ही राशि के मुचलके पर ज़मानत ने दे दी.
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