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मॉड्यूलर ब्रिज सिस्टम,सेना में शामिल  डीआरडीओ का कमाल 

भारतीय सेना में मॉड्यूलर ब्रिज को शामिल किया गया है। मॉड्यूलर ब्रिज के सेना में शामिल होने से भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण जगहों पर भी सेना और टैंकों को तैनात करना आसान हो जाएगा

मॉड्यूलर ब्रिज सिस्टम,सेना में शामिल  डीआरडीओ का कमाल 

भारतीय सेना में मॉड्यूलर ब्रिज को शामिल किया गया है। मॉड्यूलर ब्रिज के सेना में शामिल होने से भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण जगहों पर भी सेना और टैंकों को तैनात करना आसान हो जाएगा। नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित हुए कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से मॉड्यूलर ब्रिज को सेना में शामिल किया गया। मॉड्यूलर ब्रिज को डिजाइन और विकसित डीआरडीओ ने लार्सन एंड टुब्रो के साथ मिलकर किया है। कार्यक्रम में भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सेना, डीआरडीओ और रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।    

 

Figure 11 from SUPPORT BRIDGES PART 2. ASIAN SUPPORT BRIDGES WITH A SPAN OF  40 M | Semantic Scholar

रक्षा मंत्रालय ने मॉड्यूलर ब्रिज के 2585 करोड़ रुपये के सौदे को बीते साल फरवरी में मंजूरी दी थी। इस सौदे के तहत मॉड्यूलर ब्रिज के 41 सेट बनाए जाने हैं। मॉड्यूलर ब्रिज से सेना की सीमा पर मूवमेंट में जबरदस्त इजाफा होगा। खासकर पश्चिमी सीमा पर चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थिति में मॉड्यूलर ब्रिज का काफी फायदा होगा। मॉड्यूलर ब्रिज के इस सौदे से रक्षा मामले में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। मॉड्यूलर ब्रिज में एक 8x8 हैवी मोबिलिटी  वाहन, दो लॉन्चर वाहन शामिल है। मॉड्यूलर ब्रिज का हर सेट 46 मीटर लंबा मैकेनिकल ब्रिज बनाने में सक्षम है।। मॉड्यूलर ब्रिज की मदद से कम समय में लंबा ब्रिज बनाया जा सकता है। ये मॉड्यूलर ब्रिज रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमताओं का सबूत है।   

 

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