नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। आप के सात विधायकों ने आज एक साथ अपना इस्तीफा दे दिया, जबकि 5 फरवरी को मतदान होना है। सबसे पहले महरौली के विधायक नरेश यादव ने इस्तीफा दिया। इसके बाद जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि ने पार्टी छोड़ी फिर त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित कुमार मेहरौलिया, कस्तूरबा नगर के विधायक मदन लाल, पालम विधायक भावना गौड़, आदर्श नगर विधायक पवन कुमार शर्मा और फिर बिजवासन से भुपेंद्र सिंह जून ने भी अपना इस्तीफा दे दिया।
उल्लेखनीय है कि इन सभी विधायकों के टिकट आम आदमी पार्टी ने काट दिए थे। सबने अपने इस्तीफे में आप को जमकर कोसा है। महरौली विधायक नरेश यादव ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा, आम आदमी पार्टी का उदय भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए, अन्ना आंदोलन से भारतीय राजनीति से भ्रष्टाचार को मुक्त करने के लिए हुआ था लेकिन अब मैं बहुत दुखी हूं कि भ्रष्टाचार आम आदमी पार्टी बिल्कुल भी कम नहीं कर पाई बल्कि आम आदमी पार्टी ही भ्रष्टाचार के दलदल में लिप्त हो चुकी है। मैंने 10 साल ईमानदारी से काम किया। दिल्ली की जनता जानती है कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है क्योंकि इन्होंने भ्रष्टाचारियों को ही पार्टी में शामिल कर लिया है। आम आदमी पार्टी में कुछ ही लोग ईमानदारी की राजनीति करने वाले बचे हैं।
मूल सिद्धांत भूल भ्रष्टाचार में डूब गई पार्टी
जनकपुरी विधायक राजेश ऋषि ने इस्तीफे में लिखा कि 'आप' भ्रष्टाचार-मुक्त शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर आधारित थी। पार्टी से, मैंने इन मूल मूल्यों में एक महत्वपूर्ण दूरी देखी है। पार्टी के कार्यों और निर्णयों ने राजनीतिक सुविधा को लोगों के कल्याण पर प्राथमिकता दी है। इंडिया-अगेस्ट-कॉरप्शन मूवमेंट से उत्पन्न आम आदमी पार्टी, जो अन्ना हजारे के सिद्धांतों, ईमानदारी, भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनी थी। हालांकि, मुझे यह देखकर दुख होता है कि पार्टी अपने मूल सिद्धांतों को त्याग कर भ्रष्टाचार में डूब गई है।
अब तक बंद नहीं हुई ठेकेदारी प्रथा
रोहित कुमार ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आपकी बात पर भरोसा करके मेरे समाज ने एकतरफा आपको समर्थन दिया जिसके बूते पर दिल्ली में तीन बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। बावजूद इसके ना तो ठेकेदारी प्रथा बंद हुई और ना ही 20-20 साल से कच्ची नौकरी पर काम करने वाले लोगों को पक्का किया गया। राजनीतिक महात्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए मेरे समाज को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है।
केजरीवाल और आप से भरोसा खत्म
मदन लाल ने विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल के नाम चिट्ठी में लिखा कि मैंने दिल्ली विधानसभा की सदस्यता त्यागने का फैसला किया है। मैं मेरे कार्यकाल के दौरान मिले सहयोग के लिए आभार जताता हूं। भावना गौड़ ने केजरीवाल की चिट्ठी में लिखा क मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूं। मेरा आपमें और पार्टी में भरोसा खत्म हो गया है।
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