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साइबर अपराध पर बड़ा प्रहार: मुखौटा खातों की पहचान के लिए एआई तकनीक अपनाएगी सरकार

केंद्र सरकार साइबर धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है

साइबर अपराध पर बड़ा प्रहार: मुखौटा खातों की पहचान के लिए एआई तकनीक अपनाएगी सरकार

केंद्र सरकार साइबर धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के माध्यम से मुखौटा खातों की पहचान की जाएगी, जिससे साइबर अपराधियों के मंसूबों पर रोक लगाई जा सके।

 

साइबर सुरक्षा पर अहम बैठक

गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में 'साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध' पर चर्चा हुई, जिसकी अध्यक्षता अमित शाह ने की। उन्होंने बताया कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की सिफारिशों पर 805 ऐप और 3,266 वेबसाइट लिंक ब्लॉक किए गए हैं।

शाह ने कहा कि 399 बैंक और वित्तीय संस्थानों के साथ 6 लाख से अधिक संदिग्ध डेटा पॉइंट साझा किए गए हैं। इसके अलावा, 19 लाख से अधिक मुखौटा खाते पकड़े गए हैं और 2,038 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन को रोका गया है।

एआई से साइबर धोखाधड़ी पर सख्ती

गृह मंत्री ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और बैंकों के साथ समन्वय में AI तकनीक का उपयोग करके मुखौटा खातों की पहचान की जाएगी। सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि ऐसे खाते सक्रिय होने से पहले ही बंद हो जाएं।

मुखौटा खाते वे बैंक खाते होते हैं, जिनका इस्तेमाल अपराधी साइबर धोखाधड़ी से प्राप्त धन को छिपाने और ट्रांसफर करने में करते हैं।

भारत में साइबर सुरक्षा और डिजिटल उन्नति

अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को साइबर-सुरक्षित राष्ट्र बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं:

95% गांव डिजिटल रूप से जुड़े हैं और 1 लाख ग्राम पंचायतें वाई-फाई हॉटस्पॉट से लैस हैं।


पिछले 10 वर्षों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 4.5 गुना बढ़ी है।
2024 में UPI के माध्यम से 17.221 लाख करोड़ रुपये के डिजिटल लेनदेन हुए।


वैश्विक डिजिटल लेनदेन में भारत का योगदान 48% रहा।


डिजिटल अर्थव्यवस्था का जीडीपी में योगदान 32 लाख करोड़ रुपये (12%) रहा, जिससे 1.5 करोड़ नई नौकरियां पैदा हुईं।

भारत बना डिजिटल शक्ति

अमित शाह ने कहा कि भारत अब डिजिटल परिदृश्य में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है और सरकार का लक्ष्य है कि देश में साइबर अपराध शून्य हो।

नई एआई तकनीक और कड़े सुरक्षा उपायों के साथ, सरकार साइबर अपराधियों के खिलाफ आक्रामक कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। 

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