सुप्रीम कोर्ट ने न्यायालयों से कहा है कि किसी भी मीडिया हाउस के खिलाफ कोई रोक लगाने के आदेश को पारित करने से पहले सावधानी से चलना चाहिए और ऐसा सिर्फ़ अपवाद स्वरूप मामलों में ही होना चाहिए.टाइम्स ऑफ़ इंडिया अखबार के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी प्रथम दृष्टया आरोपों के मामले में मीडिया हाउस के खिलाफ एकपक्षीय रोक से अदालत को बचना चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पर्दीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि किसी लेख के प्रकाशन पर प्री-ट्रायल में ही रोक लगाने के मामले में लेखक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जनता के जानने के अधिकारों को लेकर गंभीर परिणाम होंगे.कोर्ट ने ये आदेश ब्लूमबर्ग टेलीविजन प्रोडक्शन सर्विसेज की याचिका को लेकर दिया है. ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने ब्लूमबर्ग के एक लेख के खिलाफ ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस दौरान कोर्ट ने ब्लूमबर्ग को ज़ी के खिलाफ लेख प्रकाशित करने पर रोक लगा दी थी.
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