अरुंधति रॉय पर यूएपीए के तहत चलेगा मुक़दमा,
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर के डॉक्टर शेख़ शौकत हुसैन के खिलाफ़ गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम यानी यूएपीए के तहत मुक़दमा चलाने की अनुमति दी है
- Published On :
15-Jun-2024
(Updated On : 18-Jun-2024 02:48 pm )
अरुंधति रॉय पर यूएपीए के तहत चलेगा मुक़दमा,
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर के डॉक्टर शेख़ शौकत हुसैन के खिलाफ़ गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम यानी यूएपीए के तहत मुक़दमा चलाने की अनुमति दी है.यह मामला 14 साल पुराना यानी 27 नवंबर 2010 का है.अरुंधति रॉय को उनकी किताब 'द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स' के लिए 1997 में बुकर पुरस्कार मिला था.शेख शौकत हुसैन कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के पूर्व प्रोफेसर हैं.

बीते साल अक्टूबर में एलजी ने विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्यता बढ़ाने और सार्वजनिक अशांति फैलाने वाले बयान देने के आरोप में अभियुक्तों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 196 के तहत मुकदमा चलाने की मंज़ूरी दी थी.
हालांकि दिल्ली पुलिस ने अरुंधति रॉय और शेख़ शौकत हुसैन के ख़िलाफ़ पहले भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153ए, 153बी, 504, 505 और यूएपीए की धारा 13 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी लेकिन एलजी ने अक्टूबर में केवल आईपीसी धाराओं की ही मंज़ूरी दी थी.यूएपीए की धारा 13 किसी भी ग़ैरक़ानूनी गतिविधि को उकसाने, प्रेरित करने या वकालत करने के लिए सज़ा से संबंधित है और इसमें अधिकतम सात साल की क़ैद हो सकती है.अरुंधति राय पर जिस मामले के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई है वो कश्मीर पर दिए गए भाषण से संबंधित है. उनके ख़िलाफ़ सुशील पंडित की शिकायत पर एफ़आईआर दर्ज की गई थी.दिल्ली के उपराज्यपाल के दफ़्तर से जारी बयान में कहा गया है कि 'दिल्ली के एलटीजी ऑडिटोरियम में 'आज़ादी - द ओनली वे' नामक कॉन्फ़्रेंस के बैनर तले 'कश्मीर को भारत से अलग करने' का प्रचार किया गया था.'
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