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रविचंद्रन अश्विन का बयान: "चयन समिति का अध्यक्ष बनने की इच्छा नहीं"

भारत के पूर्व स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भारतीय क्रिकेट चयन प्रणाली पर अपने विचार साझा किए।

रविचंद्रन अश्विन का बयान: "चयन समिति का अध्यक्ष बनने की इच्छा नहीं"

भारत के पूर्व स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भारतीय क्रिकेट चयन प्रणाली पर अपने विचार साझा किए। अश्विन ने साफ किया कि वह भारतीय क्रिकेट चयन समिति के अध्यक्ष बनने की कोई इच्छा नहीं रखते और इस भूमिका को बेहद कठिन बताया।

चयनकर्ताओं की चुनौतियां
बीसीसीआई की चयन समिति के मौजूदा अध्यक्ष अजीत अगरकर को लेकर अश्विन ने सहानुभूति जताई। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं के लिए मौजूदा समय में सही फैसले लेना आसान नहीं है, खासकर जब भारतीय क्रिकेट में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का एक बड़ा पूल उपलब्ध है।

अश्विन ने टीम चयन की चुनौती को रेखांकित करते हुए कहा,
"मैं चयन समिति का अध्यक्ष या टीम मैनेजर नहीं बनना चाहता। यह बहुत कठिन जिम्मेदारी है।"
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि टीम चयन में प्रदर्शन के साथ-साथ दबाव को झेलने की क्षमता पर भी ध्यान देना चाहिए।

चैंपियंस ट्रॉफी टीम की चयन पर विवाद
हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी टीम की घोषणा के बाद संजू सैमसन, करुण नायर और ऋतुराज गायकवाड़ जैसे खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं मिलने पर सवाल उठे हैं। अश्विन ने इस स्थिति को "चयनकर्ताओं की बड़ी चुनौती" बताया। उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बीच चयन करना आसान नहीं होता, खासकर जब घरेलू सर्किट में खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हों।

दबाव में प्रदर्शन का महत्व
अश्विन ने यह भी कहा कि बड़े टूर्नामेंटों के लिए ऐसे खिलाड़ियों को प्राथमिकता देनी चाहिए जो दबाव में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय क्रिकेट को इस मापदंड को तय करने के लिए एक मैट्रिक्स बनाना चाहिए।
"आज के समय में कई खिलाड़ी शानदार तरीके से गेंद को टाइम करते हैं। लेकिन दबाव में प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए एक पैमाना तय करना बहुत जरूरी है," अश्विन ने कहा।

यशस्वी जायसवाल और अन्य प्रतिभाएं
अश्विन ने यशस्वी जायसवाल का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें टी20 टीम में वापसी करनी चाहिए और वह भारत के पसंदीदा सलामी बल्लेबाज बन सकते हैं। उन्होंने आगामी आईपीएल सीजन का जिक्र करते हुए कहा कि शुभमन गिल और ऋतुराज गायकवाड़ जैसे खिलाड़ियों का प्रदर्शन चयनकर्ताओं के लिए नई चुनौतियां खड़ी करेगा।

रविचंद्रन अश्विन ने अपने विचारों से टीम चयन की जटिलताओं और दबाव को उजागर किया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह ऐसी भूमिका में नहीं आना चाहते जहां उन्हें कठिन फैसले लेने पड़ें। उनके बयान ने भारतीय क्रिकेट में टीम चयन और खिलाड़ियों के विकास को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है।

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