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मोदी सरकार के बजट में मिडिल क्लास की आमद…देर से ही सही, जागे तो सरकार…

HBTV NEWS के न्यूज हेड हरीश फतेहचंदानी का कॉलम-सच कहता हूं

मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में है और 2014 से लेकर 2024 तक आम आदमी की सिर्फ बात ही की गई थी। पहली बार 2025 में मिडिल क्लास यानी आम आदमी की चिन्ता की गई। तब से लगातार आम आदमी सिर्फ वोट ही देता रहा, कभी राम मंदिर के नाम पर, कभी हिन्दुत्व के नाम पर तो कभी एक रहेंगे तो नेक रहेंगे के नाम पर। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और शायद सरकार को भी लगने लगा कि अब सिर्फ जुमले से कुछ नहीं होने वाला।

आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया, उसके संकेत पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही दे चुके थे। उनके कुछ बयानों में मिडिल क्लास और आम आदमी शब्दों का इस्तेमाल देख, काफी उम्मीदें बंधी थीं। खैर, उम्मीदें तो पूरी नहीं हुई हैं, लेकिन जो कुछ मिला है उससे आगे की उम्मीदें बढ़ी हैं। भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती बिहार में विधानसभा चुनाव है, इसलिए दिल खोलकर घोषणाएं भी की गईं।

खास बात यह कि पीएम मोदी आज के बजट को लेकर पूरे आत्मविश्वास से भरे थे। तभी तो जब सीतारमण बजट पेश कर रही थीं, तो मोदी तबले के अंदाज में मेज थपथपाते दिखे। इतना उत्साह था कि मोदी-मोदी के नारों के बीच सीतारमण की आवाज दब जा रही थी, कुछ सेकंड के लिए उन्हें अपना भाषण भी रोकना पड़ा। मोदी सरकार का यह उत्साह बता रहा था कि इस बार तीर निशाने पर लगाने की कोशिश की गई है। जब सीतारमण ने 12 लाख रुपए की सालाना आय वालों को आयकर के दायरे से बाहर रखने की बात की, तब तो पूरी भाजपा ही मेज थपथपाने के लिए टूट पड़ी। मानों उन्हें इसी क्षण का इंतजार था।

मिडिल क्लास की चिन्ता या डर कह लें, सीतारमण ने आयकर की सीमा में छूट की घोषणा करने करने से पहले मोदी सरकार के दौरान 2014 से 2023 के बीच 3 बार मिडल क्लास को दी गई राहत का खास जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मिडल क्लास भारत के विकास को ताकत देता है। 2014 में हमने टैक्स फ्री इनकम को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया था। 2019 में उसे फिर बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया और 2023 में 7 लाख रुपये किया।

निर्मला सीतारमण ने अपने पिटारे से मिडिल क्लास के लिए कुछ और राहत दी है। बजट के प्रावधानों में सरकार ने लिथियम आयन बैटरी बनाने वाली कंपनियों के लिए इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी शून्य करने की घोषणा की है। इससे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम कम होने की उम्मीद है। कई मेडिकल उपकरणों, जीवन रक्षक दवाओं और कैंसर से जुड़ी दवाओं को शून्य बेसिक कस्टम ड्यूटी की सूची में जोड़ा गया है, जिससे इनके भी दाम कम होंगे।

मोदीजी, आपने मिडिल क्लास का ध्यान रखा, इसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। लेकिन, अगर आप वास्तव में मिडिल क्लास का भला चाहते हैं, तो प्लीज रोजमर्रा की चीजों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाइए। सिर्फ टैक्स में छूट देने से उसका भला नहीं होने वाला।

 

 

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