नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपना आठवां बजट पेश करने जा रही हैं। इस बार सीतारमण दुलारी देवी द्वारा भेंट की गई क्रीम रंग की साड़ी में नजर आईं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट टीम के साथ फोटो सेशन करवाया और उसके बाद राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए राष्ट्रपति पहुंचीं। उन्होंने बजट की कॉपी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी।
उल्लेखनीय है कि दुलारी देवी 2021 की पद्म श्री पुरस्कार विजेता हैं। जब वित्त मंत्री मिथिला कला संस्थान में क्रेडिट आउटरीच गतिविधि के लिए मधुबनी गईं, तो उनकी मुलाकात दुलारी देवी से हुई और बिहार मधुबनी कला पर बात हुई। इस दौरान दुलारी देवी ने वित्त मंत्री को साड़ी भेंट की और बजट के दिन इसे पहनने के लिए कहा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट टीम के साथ फोटो सेशन करवाया और उसके बाद राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए राष्ट्रपति पहुंचीं। जहां पर उन्होंने बजट की कॉपी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी। राष्ट्रपति मुर्मू ने बजट को अपनी मंजूरी देते हुए वित्त मंत्री को दही-चीनी खिलाकर शुभकामनाएं दीं।
सीतारमण के नाम सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड
स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था, पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल 10 बजट पेश किए हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नौ मौकों पर बजट पेश किया। प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया, जब वह पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। सबसे लंबा बजट भाषण सीतारमण ने एक फरवरी, 2020 को दो घंटे 40 मिनट का दिया था. वर्ष 1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अब तक का सबसे छोटा भाषण है, जिसमें केवल 800 शब्द हैं। बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता था। वर्ष 1999 में समय बदला गया और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया। तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है। इसके बाद 2017 में बजट पेश करने की तिथि बदलकर एक फरवरी कर दी गई, ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर सके।
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