नई दिल्ली। प्रसिद्ध फिल्म एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा। इसकी घोषणा कुछ समय पहले की गई थी। अवॉर्ड पाने के बाद मिथुन दादा ने कहा कि-मैं भगवान से बहुत शिकायत करता था कि तुमने नाम दी, शोहरत दी पर इतनी तकलीफ क्यों दे रहा है। मुझे कुछ भी थाली में परोसकर नहीं मिला, लेकिन आज यह अवॉर्ड मिलने के बाद मैंने शिकायत करना छोड़ दिया है। थैंक यू भोलेनाथ। कोलकाता में मेरा एक पुराना मंदिर है। मैंने सालों उस मंदिर की सेवा की। मैंने उनको थैंक यू कहा, क्योंकि उन्होंने मुझे सूद समेत सब वापस कर दिया।
अवॉर्ड लेने से पहले और अवॉर्ड लेने के बाद मीडिया से चर्चा में मिथुन चक्रवर्ती ने कई पुरने किस्से सुनाए। उन्होंने नेशनल अवॉर्ड मिलने का किस्सा सुनाते हुए कहा कि जब वो मिला तो लोग कहने लगे कि अरे आपको नेशनल अवॉर्ड मिला। तो मेरा दिमाग खराब हो गया कि मैंने कुछ बड़ा कर दिया। मैं डायरेक्टर-प्रोड्यूसर के ऑफिस में जाकर ऊबासी लेने लगा था। मैं कहता था कि फिल्म की स्टोरी मेरे घर भेज देना। फिर एक प्रोड्यूसर ने मुझे मारा एक लात और बोला कि निकल यहां से। फिर समझ में आया कि अब कोई काम नहीं देगा। मेरे रंग के कारण लोगों ने मुझे खूब ताने मारे। लोग राह चलते मुझे कालिया बुलाते थे।
नए लड़कों के लिए कहा- सपने को सोने नहीं देना
फिल्मों में काम के लिए आ रहे नए लड़कों के लिए मिथुन दा ने कहा कि यंग टैलेंट बहुत हैं, लेकिन उनके पास पैसों की कमी है। जैसे मेरे साथ था। मैं कहूंगा कि तुम हिम्मत मत हारना, सपना खूब देखना। खुद सो जाना पर सपने को सोने नहीं देना। अगर मैं बन सकता हूं तो सब बन सकते हैं।
Leave Comments